नैनीताल, जागरण संवाददाता : sanitation workers strike in haldwani : उच्च न्यायालय (Nainital High Court) ने हल्द्वानी में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल व हल्द्वानी शहर में गंदगी को लेकर गंभीर रुख अपनाते हुए सख्त आदेश पारित किया है। कोर्ट ने एसएसपी नैनीताल को आदेश दिया है कि जो कूड़े के वाहन सफाई कर्मचारियों ने कब्जे में लिए हैं, उनकी चाबी भी उनके पास हैं, उनको तत्काल छुड़ाएं। यदि कूड़ा वाहन नहीं छोड़ते हैं तो संबंधित कर्मचारी अथवा सफाई कर्मचारी अध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज करें।

कोर्ट ने कहा कि कानून का मखौल बर्दास्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने हल्द्वानी के कोतवाली प्रभारी को हड़ताली सात कर्मचारी यूनियनों को नोटिस थमाये। अगली सुनवाई बुधवार 30 नवंबर को होगी। कोर्ट ने नगर निगम को शहर की सफाई के लिये वैकल्पिक व्यवस्था करने व सफाई कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने को कहा है। आपराधिक कार्रवाई की भी छूट दी गई है। नगर निगम को साफ कहा है अगर गाडियां नहीं छोड़ते हैं तो कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करें।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि पिछले 4 दिनों से हल्द्वानी में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल से शहर कूड़े से पट गया है। शहर में डेंगू फैला है । संक्रामक बिमारियों का खतरा और बढ गया है। कूड़े कचरे को जानवर खा रहे हैं ।

शहर में बदबू फैल रही है। याचिका में सफाई की व्यवस्था की मांग की है। 24 नवम्बर से सात सफाई यूनियन हड़ताल पर हैं । उनकी मांग है कि उनकी सैलरी समेत अन्य की मांग पूरी हो साथ ही नगर निगम द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिये बैणी सेना बनाई है, उसको हटाया जाए। जबकि बैणी सेना ने दस दिन में 20 लाख कर वसूला है।

मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर चार दिन से हड़ताल पर गए पर्यावरण मित्रों, चालकों की वजह से सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। निगम प्रशासन ने वित्तीय स्थिति अनुकूल होने पर विधिक मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते हुए स्थायी, अस्थायी, संविदा, स्वच्छता समिति, आउट सोर्स कर्मचारियों से जनहित में सोमवार से काम पर लौटने की अपील की थी।

हड़ताल की वजह से 60 वार्ड वाले हल्द्वानी शहर में 25 नवंबर से सड़क, गली, नाली आदि की सफाई नहीं हुई है। सामान्य तौर पर सुबह व शाम की पाली में नियमित रूप से सफाई होती है। घरेलू व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से तीन दिन से कूड़ा नहीं उठा है। ऐसे में लोगों का रोष बढ़ रहा है। लोग कूड़े को इधर-उधर फेंकने लगे हैं। कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो मुश्किल बढ़ेगी।

परिसीन के बाद हल्द्वानी में हो गए आठ 60 वार्ड

वेतन वृद्धि समेत नौ सूत्रीय मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी 16 नवंबर से धरना हैं। बता दें कि 2018 में सीमा विस्तार के बाद निगम का दायरा 33 से बढ़कर 60 वार्ड तक पहुंच गया है। सरकार ने नए क्षेत्र में 10 वर्ष तक व्यावसायिक टैक्स से मुक्त कर दिया है। स्ट्रीट लाइट, स्वच्छता व अन्य कार्यों से निगम का खर्च बढ़ गया, लेकिन आय नहीं हो रही।

Edited By: Skand Shukla