Move to Jagran APP

नैनीताल हाईकोर्ट की टिप्‍पणी : आईटी क्रांति के दौर में हमारा सिस्‍टम जांच अधिकारी को कोर्ट बुलाने में लगा देता है महीनों

नैनीताल हाईकोर्ट में जमानत पत्रों की सुनवाई में सरकार की ओर से समय पर शपथ पत्र दाखिल न होने पर अहम टिप्‍पणी की है। कोर्ट की टिप्‍पणी जिम्‍मेदार अधिकारियों की आंख खोलने वाली है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 09:52 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 09:52 AM (IST)
नैनीताल हाईकोर्ट की टिप्‍पणी : आईटी क्रांति के दौर में हमारा सिस्‍टम जांच अधिकारी को कोर्ट बुलाने में लगा देता है महीनों
नैनीताल हाईकोर्ट की टिप्‍पणी : आईटी क्रांति के दौर में हमारा सिस्‍टम जांच अधिकारी को कोर्ट बुलाने में लगा देता है महीनों

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट में जमानत पत्रों की सुनवाई में सरकार की ओर से समय पर प्रति शपथ पत्र दाखिल न होने पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों की पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर तीन हफ्ते के भीतर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने आईटी क्रांति के दौर में पुलिस अधिकारी के कोर्ट में पहुंचने, अधिवक्‍ता को फाइल आवंटित करने व जवाब लिखने में महीनों लगाने पर सख्‍त और अहम टिप्‍पणी की।

loksabha election banner

हरिद्वार निवासी हत्यारोपी मनजीत सिंह ने नवंबर 2019 में हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। जिसमें सरकार को प्रति शपथ पत्र दाखिल करना था, लेकिन सरकार सात महीने तक भी जबाव दाखिल नहीं कर सकी, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि किसी आरोपी की जमानत अर्जी दाखिल होने के एक माह के भीतर उसका निस्तारण किया जाय। इस मामले की 17 जून को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने कड़ा रुख अपनाया और 22 जून को गृह, लॉ व आईटी विभाग के अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में तलब किए।

कोर्ट ने की अहम टिप्‍पणी

22 जून को हुई सुनवाई में कोर्ट ने अहम टिप्‍पणी करते हुए कहा कि कहा कि 21वीं सदी आईटी क्रांति की है, लेकिन हमारा सिस्टम पुलिस के जांच अधिकारी को केश डायरी के साथ कोर्ट में बुलाने, उसके बाद अधिवक्ता को फाइल आवंटित होने, जबाव लिखाने आदि में महीनों लगा देते हैं। इससे जांच अधिकारी का समय, सरकार का पैसा तो बर्बाद तो होता ही है, उससे कहीं अधिक न्याय प्रभावित होता है । इसलिये अब यह सुनिश्चित किया जाय कि जांच अधिकारी को शपथ पत्र दाखिल करने नैनीताल न आना पड़े और जांच अधिकारी से पत्रावली का आदान-प्रदान व अन्य संवाद ई-मेल से हो और स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (एसओपी) तैयार किया।

हाईकोर्ट की फटकार के बाद जागी सरकार

सुनवाई के दौरान गृह, कानून, आईटी विभाग के अधिकारियों व शासकीय अधिवक्ताओं की रायशुमारी के बाद अपर सचिव गृह रितेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में अधिकारियों की पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई। जिसमें आईटी वैज्ञानिक अरविंद दधीचि, प्रमुख सचिव गृह द्वारा नामित आईपीएस अधिकारी व अपर शासकीय अधिवक्ता प्रतिरूप पांडे को शामिल किया गया। यह कमेटी विशेषज्ञों की सलाह से जमानत पत्रों में ई-मेल से जबाव दाखिल करने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेगी। जिसकी रिपोर्ट तीन हफ्ते के भीतर कोर्ट में देनी होगी। इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

यह भी पढ़ें : नंदा देवी महोत्सव को लेकर साफ हुई तस्वीर, 23 से 28 अगस्त के बीच होगा आयोजन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.