Nainital High Court: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती पर हाई कोर्ट सख्त, सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब
Nainital High Court याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी जिससे लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा हुआ है। याचिका में हाई कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : Nainital High Court: हाईकोर्ट ने राज्य विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों का संज्ञान लेते हुए सरकार का जवाब तलब किया है। देहरादून निवासी समाजसेवी अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर की है, जिसमें इंटरनेट मीडिया, समाचार पत्रों व मीडिया में उजागर उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता को आधार बनाया है।
हाई कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने एक जांच समिति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया, किंतु घोटाला राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था। अपने करीबियों को नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराई जाए।
याचिकाकर्ता ने लगाए ये आरोप
याचिकाकर्ता के अनुसार, सरकार ने 2003 के तदर्थ नियुक्ति पर रोक के शासनादेश के अलावा संविधान की आर्टिकल 14, 16 व 187 के साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा की 1974 व उत्तराखंड विधानसभा की 2011 की नियमावली का उल्लंघन किया है। याचिका में राज्य निर्माण के वर्ष 2000 से 2022 तक समस्त नियुक्तियों की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में करने व भ्रष्टाचारियों से सरकारी धन के लूट को वसूली कि मांग भी की गई है।
नियमों को दरकिनार कर करीबियों को दी नौकरियां
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य कर अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी है ,जिससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा हुआ है। यह सरकारों का जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है और वर्तमान सरकार भी दोषियों पर कोई कार्यवाही करती दिख नही रही है।
चार सप्ताह में जवाब देगी सरकार
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में अनियमितता व भारी भ्रष्टाचार हुआ है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।