हल्द्वानी के मॉल में कैरी बैग का अतिरिक्त चार्ज वसूलने पर 30 हजार जुर्माना
हल्द्वानी के बी मार्ट को कैरी बैग का अतिरिक्त चार्ज वसूलना भारी पड़ गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने बी मार्ट को परिवादी को मानसिक वेदना की आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार और वाद व्यय के पांच हजार समेत कुल 30 हजार अदा करने का आदेश पारित किया है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हल्द्वानी के बी मार्ट (Haldwani B Mart) को कैरी बैग (carry bag) का अतिरिक्त चार्ज वसूलना भारी पड़ गया। जिला उपभोक्ता आयोग (Nainital consumer forum) ने विपक्षीगणों को डेढ़ माह के भीतर परिवादी को मानसिक वेदना की आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार और वाद व्यय के पांच हजार समेत कुल 30 हजार अदा करने का आदेश पारित किया है।
एक लाख का अर्थदंड लगाया
इसके अलावा विपक्षी बी मार्ट रिटेल लि. हीरा नगर पुलिस चौकी के सामने हल्द्वानी को ग्राहकों के साथ किए जा रहे अनुचित व्यवहार के लिए एक लाख का अर्थदंड लगाया है। चेतावनी दी है कि आदेश का अनुपालन नहीं करने पर भू राजस्व के रूप में वसूली की जाएगी।
सूचना पट्ट लगाने का निर्देश
आयोग ने विपक्षीगणों को निर्धारित अवधि के भीतर प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर हिन्दी और अंग्रेजी के बड़-बड़े अक्षरों में सूचनापट लगवाकर फोटोग्राफ सहित अनुपालन आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। वाद में मैसर्स बी मार्ट रिटेल पंजीकृत कार्यालय गुर रामदाास नगर, मेन मार्केट लक्ष्मी नगर नई दिल्ली को भी पक्षकार बनाया था।
अतुल पंत ने दायर की याचिका
देवलचौड़ खाम निकट महर्षि स्कूल हल्द्वानी निवासी अतुल पंत ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में बी मार्ट रिटेल लिमिटेड हीरा नगर, कालाढूंगी रोड के विरुद्ध वाद दायर किया था। उनका कहना था कि23 जून 2019 को हल्द्वानी स्थित बी माट प्रतिष्ठान से तीन सौ रुपये का सामान खरीदा किया था। सामान के साथ कैरी बैग भी दिया था।
बैग का छह रुपये अतिरिक्त चार्ज वसूला
अतुल पंत ने बताया कि कैरी बैग का छह रुपये अतिरिक्त चार्ज लिया था, जो नियम विरुद्ध था। बैग पर प्रतिष्ठान का विज्ञापन प्रकाशित था। प्रतिष्ठान में इसका कहीं श्लोगन या बोर्ड नहीं लगा था, जिसमें लिखा हो कि कैरी बैग घर से लाएं या कैरी बैग का अतिरिक्त चार्ज देना होगा। जिसके बाद अतुल ने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षी को नोटिस भेज 15 हजार क्षतिपूर्ति की मांग की।
अनुचित लाभ अर्जित करने का आरोप
आयोग में वाद दाखिल होने के बाद विपक्षी ने कहा कि परिवादी उनका उपभोक्ता नहीं है। परिवादी ने अनुचित लाभ अर्जित करने व विपक्षी को परेशाान करने की नीयत से वाद दायर किया है। सेवा मेें कमी का कोई कारण नहीं दर्शाया है, लिहाजा वाद निरस्त होने योग्य है। भारत सरकार के प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के बाद वातावरण की शुद्धता के लिए प्रतिष्ठान में थैले रखे गए थे। जो प्लास्टिक बैग से अधिक धनराशि के थे।
कैरी बैग पर अपना लोगो लगाने का अधिकार
उपभोक्ता की विशुद्ध मांग पर धनराशि देकर प्रदान किए गए। परिवादी जानबूझकर मुआवजे की जबरन वसूली के इरादे से दायित्व तय करने की कोशिश कर रहा है। ट्रेडमार्क एक्ट के अधीन कैरी बैग पर अपना लोगो लगाने का अधिकार है।
प्रतिष्ठान पर सिद्ध हुआ दोष
आयोग ने परिवादी व विपक्षी बी माट के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद पारित आदेश में कहा है कि परिवादी अपने परिवाद पत्र में कथनों को साबित करने में पूरी तरह सफल रहा है, जबकि विपक्षी अनुचित व्यापारिक व्यवहार, उपभोक्ता की अनुमति व सहमति के बिना ही अपने स्वार्थ के लिए दुरुपयोग व शोषण का दोषी सिद्ध होता है। जिस पर विपक्षी को संयुक्त रूप से एक लाख अर्थदंड लगाया गया।