रेल मंत्री ने अटल को समर्पित की नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि यह ट्रेन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित की जाती है।
हल्द्वानी, नैनीताल [जेएनएन]: रक्षाबंधन से एक दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तराखंड के लोगों को नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस की सौगात दी। उन्होंने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि यह ट्रेन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित की जाती है। उन्होंने राज्य बनाया और हम इसे और आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहेंगे। साथ ही रेल मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी ट्रेनों को बिजली से चलाया जाएगा। इसका नतीजा यह होगा कि राज्य में डीजल से चलने वाली ट्रेनें बंद हो जाएंगी। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह को वीसी से संबोधित करते हुए गोयल ने उपस्थित न हो सकने का कारण बताया और कहा कि उत्तराखंड में अभी सात स्टेशनों में ही वाई-फाई की सुविधा है। जल्द ही अन्य स्टेशनों में भी यह सुविधा मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की पहल से ही चारधाम को रेल लाइन से जोड़ने लिए सर्वे हो रहा है। यह एतिहासिक कार्य होगा। ऋषिकेश और कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए भी विचार किया जा रहा है।
रेलमंत्री ने सांसद बलूनी व कोश्यारी को दी बधाई
रेल मंत्री गोयल ने कहा कि इस ट्रेन को चलाने का प्रस्ताव लेकर राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी मेरे पास आए। उन्होंने काठगोदाम-दून के बीच सुपरफास्ट ट्रेन चलाने के लिए कहा था, जिससे लोग राजधानी में अपने जरूरी कार्य निपटाकर एक ही दिन में वापस लौट सकें। सांसद कोश्यारी ने भी इस ट्रेन के लिए उल्लेख किया था। इसके लिए मैं कोश्यारी व बलूनी को मुबारकबाद देता हूं। उन्होंने कहा कि इस ट्रेन को चलाने के लिए बलूनी से झगड़ा तक हो गया था। कई बार बलूनी के फोन आने पर मैं अपना फोन स्विच ऑफ करने की सोचने लगा था। दोनों सांसदों ने पीएम मोदी व रेल मंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि यह ट्रेन राज्य के विकास को आगे बढ़ाएगी।पर्यटन बढ़ेगा और व्यापार को मिलेगी गति
रेल मंत्री ने कहा कि देहरादून व काठगोदाम के बीच चलने वाली इस ट्रेन से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। व्यापार को भी गति मिलेगी। इससे विकास तेजी से होगा।
मोदी सरकार में बढ़ा बजट
रेल मंत्री ने कहा कि पहले उत्तराखंड का रेल बजट प्रतिवर्ष 187 करोड़ रुपये था। मोदी सरकार के बाद तमाम काम हुए और यह बजट 577 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि अब 2014 से 2019 के बीच तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होने जा रहे हैं। अभी 80 किलोमीटर बिजली लाइन का काम किया जा चुका है।
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