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फुटपाथ कारोबारियों से नगर निगम के कर्मचारी कर रहे अवैध वसूली nainital news

हल्‍द्वानी में तहबाजारी के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है। परिवार की आजीविका की खातिर फुटपाथ पर सामान बेचने को मजबूर लोगों से वसूली कर अपनी जेब गरम की जा रही है।

By Edited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 10:58 AM (IST)
फुटपाथ कारोबारियों से नगर निगम के कर्मचारी कर रहे अवैध वसूली nainital news
फुटपाथ कारोबारियों से नगर निगम के कर्मचारी कर रहे अवैध वसूली nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : हल्‍द्वानी में तहबाजारी के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है। परिवार की आजीविका की खातिर फुटपाथ पर सामान बेचने को मजबूर लोगों से वसूली कर अपनी जेब गरम की जा रही है। यह आरोप किसी और पर नहीं बल्कि नगर निगम के कर्मचारियों पर लगा है। रविवार को निगम के अधिकारी जब फुटपाथ खाली कराने पहुंचे तो मामले का खुलासा हुआ।

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करोबारियों ने कहा, दुकान क्‍यों हटाऊं, रोज 50 रुपए देता हूं

सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र चौहान व सफाई निरीक्षक अमोल असवाल ने अभियान चलाया। काठगोदाम से तिकोनिया तक चले अभियान के दौरान कई लोग फुटपाथ पर दुकान चलाते मिले। टीम ने फड़ विक्रेताओं को फटकार लगाकर उनका सामान जब्त कर लिया। डिग्री कॉलेज के नजदीक सड़क किनारे मिट्टी के बर्तन व अन्य साज-सज्जा का सामान बेचने वाले से फुटपाथ खाली करने को कहा। खुद को बुलंदशहर निवासी बता रहे अब्बास ने यह कहते हुए सामान हटाने से मना कर दिया कि वह दुकान लगाने के एवज में निगम को 50 रुपये रोज तहबाजारी देता है। एसएनए चौहान ने अब्बास से पर्ची दिखाने को कहा तो वह बोला कि खुद को निगम का कर्मचारी बताने वाला व्यक्ति तीन-चार दिन में आकर 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तहबाजारी वसूलता है। बाद में कुछ अन्य दुकान वालों ने भी इसकी शिकायत की। इसके एवज में कोई पर्ची नहीं दी जाती। यह सुनकर टीम सामान हटाने की हिदायत देकर आगे बढ़ गई।

निगम कर्मचारियों की कार्यशैली पर उठा सवाल

बहरहाल, इस मामले से निगम कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। मौके का फायदा तो नहीं उठा रहे कर्मचारी? अवैध रूप से तहबाजारी वसूलने का आरोप गंभीर मामला है। निगम क्षेत्र में ठेले लगाने वाले के लिए 15 रुपये व बड़े ठेलों के लिए 25 रुपये तहबाजारी तय है। नियमानुसार तहबाजारी की वसूली डे टू डे होनी है। इसके लिए छह कर्मचारी तैनात हैं। किसी कर्मचारी के चार-पांच दिन में जाकर एक साथ दो से तीन सौ वसूलना निगम अफसरों की लापरवाही को भी दर्शाता है। खास बात यह है कि स्टाफ की कमी होने से तहबाजारी की निगरानी नहीं हो पाती, जिसका फायदा दूसरे लोग उठाते हैं।

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