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Uttarakhand News: और करीब आए भारत-नेपाल, काली नदी पर दो अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों पर आवाजाही शुरू

बुधवार को पिथौरागढ़ के धारचूला और तवाघाट के मध्य भारत के एलागाड़ और नेपाल के बडू के मध्य बने पुल और जौलजीबी से पीपली के मध्य भारत के द्वालीसेरा और नेपाल के लाली के बीच बने पुल का उद्घाटन हुआ। दोनों देशों के लोगों की आवाजाही शुरू हो गई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 07:03 PM (IST)
Uttarakhand News: और करीब आए भारत-नेपाल, काली नदी पर दो अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों पर आवाजाही शुरू
दोनों देशों के स्थानीय निवासियों ने खुशी जताई है।

जागरण संवाददाता, धारचूला/ तीतरी (पिथौरागढ़) : दो पारंपरिक मित्र राष्ट्र एक दूसरे के और करीब आ गए हैं। भारत और नेपाल के मध्य बहने वाली काली नदी पर दो अंतरराष्ट्रीय झूलों पर आवागमन शुरू हो गया है। दोनों देशों के स्थानीय निवासियों ने खुशी जताई है। इन पुलों को नेपाल सरकार द्वारा बनवाया गया है।

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पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान, दार्चुला नेपाल के जिलाधिकारी डीआर उपाध्याय, दार्चुला के मेयर नर सिंह, गांव पालिका के अध्यक्ष मंगल धामी  ने संयुक्त रूप से फीता काट कर उद्घाटन किया।

भारत और नेपाल के मध्य पिथौरागढ़ जिले की सीमा से लगे क्षेत्र में धारचूला और तवाघाट के मध्य भारत के एलागाड़ और नेपाल के बडू के मध्य बने झूला पुल और जौलजीबी से पीपली के मध्य भारत के द्वालीसेरा और नेपाल के लाली के बीच बने झूला पुल का उद्घाटन हुआ। पुलों के उद्घाटन के साथ ही दोनों पुलों पर दोनों देशों के लोगों की आवाजाही प्रारंभ भी हो गई। दोनों तरफ की जनता को राहत मिलेगी।

अभी तक दोनों देशों के इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अपनी नाते, रिश्तदारी में जाने के लिए लंबी दूरी नाप कर धारचूला और जौलजीबी अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों से एक दूसरे देश में जाना पड़ता था। सीमा पर दोनों देशों के बीच आपस में काफी अधिक रिश्तेदारी है। एक दूसरे देश में होने वाली शादियों में  भी बारात को लंबा रास्ता तय करना पड़ता था।

एसएसबी और एपीएफ करेगी सुरक्षा

भारत नेपाल के मध्य दोनों पुलों की सुरक्षा का जिम्मा भारत में एसएसबी और नेपाल में सशस्त्र प्रहरी करेगी । इन दोनों पुलों के प्रारंभ होने से दोनों देशों के पांच दर्जन से अधिक गांवों को सुविधा मिली ।

दार्चुला जिलाधिकारी डीआर उपाध्याय का कहना है कि दोनों झूलापुलों में आवागमन होने से दोनों देशों के स्थानीय लोगों को सुविधा मिलेगी। दोनों देशों के बीच रोटी बेटी के संबंध अधिक मजबूत होंगे । दोनों देशों के स्थानीय लोग आसानी से अपने नाते रिश्तेदारों से सरलता के साथ मिलेंगे।

वहीं पिथौरागढ़ डीएम आशीष चौहान ने बताया कि दोनों अंतरराष्ट्रीय झूूला पुलों का निर्माण नेपाल सरकार ने किया है। दोनों झूलापुलों से आवागमन होने से दोनों देशों के लोग लाभान्वित होंगे। नाते, रिश्तेदारी में आना जाना सरल हो जाएगा। रिश्तों में अधिक मजबूत आएगी।

अब भारत-नेपाल के मध्य सात अंतरराष्ट्रीय झूला पुल 

भारत और नेपाल के मध्य बहने वाली महाकाली नदी में अब तक पांच झूला पुल थे अब इनकी संख्या सात हो चुकी है। दोनों देशों के बीच सर्वाधिक ऊंचाई पर उच्च हिमालय में गब्र्याग स्थित सीता पुल, एलागाड़, धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीबी, द्वालीसेरा और झूलाघाट है।

इसके अलावा भारत नेपाल के मध्य तहसील धारचूला के छारछुम के पास मोटर पुल स्वीकृत है। जिसका डिजायन भी तैयार हो चुका है। जल्द ही इस पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ होने की संभावना है।


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