पैर देखते ही पर्वतारोही पति को पहचाना, जूते छूकर हथेलियां माथे पर लगाई NAINITAL NEWS
10 मई को मानसी भी लाइजन अफसर पति चेतन समेत विदेशी पर्वतारोहियों के दल को छोडऩे गई थी। बुधवार शाम हल्द्वानी मोर्चरी में चेतन का शव देख फूटफूट कर रो पड़ी।
हल्द्वानी,संदीप मेवाड़ी : अल्मोड़ा के लक्ष्मेश्वर में रहने वाले एसएसबी के रिटायर्ड सूबेदार बंशीधर पांडे के पुत्र चेतन लंबे समय से पर्वतारोहण करते थे। तीन वर्ष पूर्व मार्च 2016 में चेतन का विवाह मूल रूप से बक्योली, घटली, अल्मोड़ा की रहने वाली मानसी पांडे से हुआ था। 10 मई को मानसी भी लाइजन अफसर पति चेतन समेत विदेशी पर्वतारोहियों के दल को छोडऩे गई थी। बुधवार शाम हल्द्वानी मोर्चरी में चेतन का शव देख 35 दिन से गुमशुम मानसी की चुप्पी टूटी और आंखों से अश्रुधारा बहने लगी।
चिकित्सकों ने चेतन के जूते और अन्य सामान उतारकर दिए। चेतन के बड़े भाई हिमांशु ने उन्हें सूखने के लिए बाहर रख दिया। मानसी ने पति के जूते छूकर हाथ माथे पर लगाया तो माहौल और गमगीन हो गया। पोस्टमार्टम से पहले चिकित्सकों ने मानसी समेत परिजनों को चेतन की शिनाख्त के लिए शव दिखाया। सबसे पहले चेतन के बड़े भाई हिमांशु पांडे ने शव की शिनाख्त की। इसके बाद मानसी व अन्य परिजनों को बुलाया गया। मोर्चरी के कमरे में पैर देखते ही मानसी ने पति को पहचान लिया। हिम्मत बांधते हुए वह आगे बड़ी तो चेहरा देखते ही अश्रुधारा बहने लगी। परिजनों की आंखें भी छलक उठी। परिजन किसी तरह मानसी को कक्ष से बाहर लेकर आए।
पर्वतारोहण के कई कोर्स करने के साथ चोटियां फतह कर चुका था चेतन
परिजनों ने बताया कि चेतन ने बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स, एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स, आपदा एवं बचाव, हाई एल्टीट्यूड माउंटेन गाइड कोर्स व लाइजन अफसर कोर्स किए थे। अब तक वह कई ऊंची चोटियों को फतह कर चुके थे। 35 वर्षीय चेतन दिल्ली के इंदिरानगर पुरम में किराये पर रहकर हिमालयन रन एंड ट्रैक कंपनी में लाइजन अफसर थे। भारतीय पर्वतारोहण संस्थान की ओर से वह विदेशी पर्वतारोहियों के दल के साथ लाइजन अफसर के तौर पर 10 मई को रवाना हुए थे। वहीं मानसी पांडे के पिता भी दिल्ली के दिलशाद गार्डन शाहदरा में रहते हैं। मानसी तीन बहनों व एक भाई में सबसे बड़ी हैं। वह दिल्ली की एक निजी कंपनी में जॉब करती हैं।