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वन निगम 20 फरवरी तक गौला के सात गेटों पर लगा सकता है ताला nainital news

रोजगार की एक पूरी कड़ी तैयार करने वाली गौला की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वन निगम अंदाजा लग रहा है कि 20 फरवरी के बाद गेटों पर ताला लग सकता है।

By Edited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 07:40 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 07:40 AM (IST)
वन निगम 20 फरवरी तक गौला के सात गेटों पर लगा सकता है ताला nainital news
वन निगम 20 फरवरी तक गौला के सात गेटों पर लगा सकता है ताला nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : रोजगार की एक पूरी कड़ी तैयार करने वाली गौला की वर्तमान स्थिति को देखते हुए वन निगम अंदाजा लग रहा है कि 20 फरवरी के बाद गेटों पर ताला लग सकता है। नदी के सात बड़े निकासी गेटों को सर्वे रिपोर्ट में संवेदनशील बताया गया है। आशंका जताई जा रही है कि यह गेट समय से और जल्दी बंद हो जाएंगे। गौला की इस स्थिति का असर खनन कारोबारियों से लेकर आम लोगों तक पर पड़ेगा। वन निगम अब हाल में हुई बारिश से माल बढ़ने की आस लगाए बैठा है। गौला में उपखनिज का संकट पिछले दो साल से लगातार बढ़ रहा है।

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सात गेटों की स्थिति सर्वाधिक संवेदनशील

केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम सर्वे कर इस साल 18 लाख 47 हजार घनमीटर का लक्ष्य निर्धारित कर चुकी है। वहीं, वन निगम के मुताबिक, टीम ने गौला के सात मुख्य गेटों में माल की कमी ज्यादा देखते हुए इन्हें संवेदनशील श्रेणी में शामिल किया है। इन्हें पहले बंद करने का सुझाव भी दिया है। ऐसे में वन निगम इस बात का आकलन कर रहा है कि अगर इन सात गेटों को जल्द बंद कर दिया गया तो बाकि चार गेटों से लक्ष्य पूरा होगा है या नहीं। इन्हें संवेदनशील बताया आंवला चौकी, इंदिरानगर, गोरापड़ाव, मोटाहल्दू, देवरामपुर, बेरीपड़ाव, हल्दूचौड़ निकासी गेट। सामान्य श्रेणी में शीशमहल, राजपुरा, लालकुआं व शांतिपुरी गेट शामिल हैं।

आठ निकासी गेट तीसरे दिन भी बंद रहे

बारिश की वजह से सिर्फ तीन गेट खुले पहाड़ में लगातार हो रही बारिश की वजह से गौला के आठ निकासी गेट तीसरे दिन भी बंद रहे। सिर्फ लालकुआं, शांतिपुरी व देवरामपुर से निकासी हुई। खराबी की वजह से चार दिन से इंदिरानगर में एक वाहन खदान क्षेत्र में खड़ा है। पानी बढ़ा तो और माल निकालेंगे डीएलएम वाइके श्रीवास्ताव ने बताया कि सालों बाद सर्दियों में ठीक-ठाक बारिश हो रही है। उम्मीद है कि नदी में माल भी बढ़ेगा। अगर उपखनिज की मात्रा बढ़ी तो लक्ष्य पूरा करने के बाद भी कुछ माल निकाला जा सकता है। दोबारा सर्वे का मामला शासन में खान विभाग ने गौला की सर्वे रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए शासन पत्र भेजकर दोबारा सर्वे करने की मांग की थी। इस पर फैसला शासन से ही होना है। संभावना है कि तीन-चार दिन में स्थिति साफ हो जाएगी।

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