इस बार कैसे होगी Monsoon की एंट्री? आया बड़ा अपडेट, अप्रैल में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहने से पड़ सकता है असर
Monsoon 2023 जलवायु परिवर्तन का असर ग्रीष्णकाल में देखने को मिलेगा उसके मानसून भी इसके असर से अछूता नहीं रहेगा। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ पर्यावरण विज्ञानी डा नरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम की अनिश्चिताएं बढ़ चली हैं।
जागरण, संवाददाता, नैनीताल: Monsoon 2023: जलवायु परिवर्तन का असर ग्रीष्णकाल में देखने को मिलेगा, मानसून भी इसके असर से अछूता नहीं रहेगा। इस बीच अप्रैल में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहे तो मानसून देरी से आयेगा। फिलहाल ग्लोबल वार्मिंग का बहुत बढ़ा असर ऋतुओं के शिफ्ट होने के रूप में नजर आ रहा है।
सूखे रेगिस्तान में बादलों ने बरसना शुरू कर दिया
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ पर्यावरण विज्ञानी डा नरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम की अनिश्चिताएं बढ़ चली हैं। ऋतुओं के समय में ही नहीं, बल्कि स्थानों भी परिवर्तन आ चुका है।
सूखे रेगिस्तान में बादलों ने बरसना शुरू कर दिया है और जिन स्थानों अधिक बारिश होती थी, बना बारिश की मात्रा घटने लगी है। जलवायु परिवर्तन निरंतर प्रभाव से इस बार गर्मी के मौसम में भारी बदलाव देखने की संभावना से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है।
रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने की संभावना
हांलाकि इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने की संभावना है और परिवर्तन निरंतर कुछ सालों से सामने आ रहा है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ आने वाली गर्मी और मानसून में दखल डालेगा। यदि इस माह अंत तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहा तो मानसून देरी से आयेगा। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से समुंद्री तापमान गिरे रहेंगे।
रविवार को तेज हवा में आते जाते रहे बदरा
सरोवर नगरी में रविवार को तेज आवेग में रही। इस बीच घने बादलों का आना जाना लगा रहा और सूर्यदेव भी दर्शन देते रहे। इस बीच दिन में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। मिले जुले मौसम के मिजाज से तापमान स्थिर रहा।
जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 14 व न्यूनतम आठ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि आद्रता अधिकतम 80 व न्यूनतम 60 फीसद रही।