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Monsoon 2022 : नैनीताल जिले में 80 से अधिक सड़कें बेहद संवेदनशील, शुरू हो गया भूस्खलन

Monsson 2022 मानसून की आहट से नैनीताल जिले के संवेदनशील पर्वतीय रास्तों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन ने पुलिस विभाग को उपकरणों के लिए 22 लाख जारी कर दिए हैं तो तहसीलों को भी अत्याधुनिक आपदा प्रबंधन उपकरण मुहैया कराए गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 09:07 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 09:07 AM (IST)
Monsoon 2022 : नैनीताल जिले में 80 से अधिक सड़कें बेहद संवेदनशील, शुरू हो गया भूस्खलन
Monsoon 2022 : नैनीताल जिले में 80 से अधिक सड़कें बेहद संवेदनशील, शुरू हो गया भूस्खलन

नैनीताल, जागरण संवाददाता : Monsson 2022 : मानसून की आहट से नैनीताल जिले के संवेदनशील पर्वतीय रास्तों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। जिले में तीन एनएच, 12 राज्य मार्ग, पांच मुख्य जिला मार्ग, 25 अन्य जिला मार्ग, 1105 ग्रामीण मार्ग समेत 1214 सड़के हैं। इसमें से 80 से अधिक सड़कें आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं।

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प्रशासन ने जिले में 108 वाहनों को अलर्ट मोड पर रखा है। जिले की सड़कों पर 20 स्थानों पर स्लाइडिंग जोन व 96 स्थान क्राेनिक जोन चिन्हित हैं। क्रोनिक जोन ऐसे स्थान हैं, जहां पत्थर गिरने का भय है या पहले कभी भूस्खलन हुआ है। बकौल डीएम आपदा प्रबंधन के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय है, हर किसी को मोबाइल आन रखना होगा और बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।

नैनीताल जिले में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को पुख्ता करने के लिए जिला प्रशासन ने पुलिस विभाग को उपकरणों के लिए 22 लाख जारी कर दिए हैं तो तहसीलों को भी अत्याधुनिक आपदा प्रबंधन उपकरण मुहैया कराए गए हैं। पहली बार तहसीलों को चार किलोमीटर दायरे में संपर्क की क्षमता वाली वॉकी टॉकी मुहैया कराई है तो धारी और कोश्यां-कुटौली तहसील में प्रकाश उपकरण भी दिए गए हैं। थाना बेतालघाट, मुक्तेश्वर व रामगढ़ क्षेत्र में आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई हैं।

आपदा में सड़कों पर यातायात बाधित ना हो और बाधित होने पर भी तत्काल उसे खोला जाए, इसके लिए जिले में इस बार 37 बुल्डोजर व 36 गैंग की तैनाती लोनिवि ने की है। लोनिवि के प्रांतीय खंड, अस्थाई खंड, एनएच, पीएमजीएसवाई खंडों में खास तैयारियां मुकम्मल की गई हैं।

संवेदनशील इलाकों रामनगर व अन्य क्षेत्रों में जिला प्रशासन ने 46 तथा सिंचाई विभाग ने 17 बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में तीन के राशन का कोटा पहुंचा दिया गया है। बाढ़ आने पर 49 राहत शिविर भी चिन्हि्त किए गए हैं। तहसील मुख्यालयों को 16 सेटलाइट फोन दिए गए हैं। पतलोट व ढोलीगांव में भी वायरलैस सेट दिए गए हैं।

14 थाना क्षेत्र संवेदनशील

जिले में आपदा की दृृष्टि से 14 थाना क्षेत्र तथा तीन फायर स्टेशन क्षेत्र बेहद संवेदनशील हैं। राजभवन व कोश्यां कुटौली में एसडीआरएफ को अलर्ट मोड पर रखा गया है। डीएम ने पुलिस विभाग को आपदा प्रबंधन उपकरण क्रय करने को 22 लाख मुहैया कराए हैं। सालों बाद पुलिस को आपदा प्रबंधन के लिए नए उपकरण मिलेंगे।

आपदा प्रबंधन पर सीएम की वीसी आज

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग तथा मानसून की तैयारियों को लेकर पूर्वाह्न 11 बजे से वीडियो कांफ्रेंसिंग तय है। अपर जिलाधिकारी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि 29 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष जिला कार्यालय में आयोजित की गई है। संबंधित अधिकारी सभी सूचनाओं सहित वीसी में स्वयं प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें।

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