अकाली दल के कोटे से भाजपा विधायक चीमा ने इस्तीफे के अटकलों को किया खारिज, जानें और क्या कहा
एनडीए से अकाली दल के बाहर निकलने के बाद उत्तराखंड में भी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। काशीपुर से अकाली दल के कोटे से भाजपा के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने रविवार को साफ कर दिया कि वह फिलाहल किसी परिस्थितियों में इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं।
काशीपुर, जेएनएन : एनडीए से अकाली दल के बाहर निकलने के बाद उत्तराखंड में भी राजनीतिक अटकलों का दौर शुरू हो गया है। काशीपुर से अकाली दल के कोटे से भाजपा के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने रविवार को साफ कर दिया कि वह फिलाहल किसी परिस्थितियों में इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं। विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि वह चार बार से भाजपा के टिकट पर विधायक बनते आए हैं और अकाली दल के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष हैं। अकाली दल के गठबंधन से बाहर हाेने के सवाल पर उनका कहना है कि गठबंधन तोड़ने का मामला उच्च स्तर की बात है और वह पार्टी के एक छोटे से कार्यकर्ता हैं। इसलिए गठबंधन तोड़ने को लेकर मेरा कुछ कहना उचित नहीं है।
अकाली दल के एनडीए से नाता तोड़ने के बाद काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा के विधायक पद से इस्तीफा देने की अटकले शुरू हो गई थीं। कांग्रेस की तरफ से भी विधायक से नैतिक तौर पर इस्तीफा देने की मांग की जा रही थी। विधायक हरभजन सिंह चीमा ने इन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। विधायक ने साफ किया कि वह भाजपा से चार बार विधायक रह चुके हैं और आगे भी वह चुनाव लड़ने को तैयार हैं यदि पार्टी उनसे कहेगी तो वह फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा और अकाली दल का पुराना रिश्ता रहा है किसी भी विषय पर मनभेद ज्यादा दिन तक नहीं चलते, इसलिए मुझे विश्वास है कि जल्द ही रास्ता निकलेगा और दोनों पार्टिया आने वाले दिनों में साथ होंगी। बीजेपी के सिंबल पर विधायक और अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष के दोहरे जिम्मेदारियों में वर्तमान समय के धर्मसंकट पर उन्होंने कहा कि धर्म संकट जैसी कोई समस्या नहीं हैं। बतौर विधायक बीजेपी के सिंबल पर चुनाव 20 साल से जीत रहा हूं और अकाली दल ने भी अपना समर्थन जताया है, इसलिए संकट जैसी कोई बात ही नहीं है।
एक मंत्री से ज्यादा काम कर दिखाया मैंने ...
तराई से सिख समुदाय की बाहुलता के बाद भी मंत्री पद पर उनकी उपेक्षा किए जाने को लेकर वह समय- समय पर अपनी नाराजगी भी जताते रहें है। अभी दो दिन पहले ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी उन्होंने सवाल उठाए थे। तराई में काशीपुर, नानकमत्ता, गदरपुर और बाजपुर में सिख समुदाय बहुसंख्यक हैं। ऐसे में आने वाले समय में अकाली दल इन सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है तो जाहिर सी बात है कि बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस विषय पर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि वह पद के इच्छुक नहीं एक जनप्रतिनिधि के तौर पर अपने क्षेत्र में उतना काम कराया जितना किसी मंत्री पद पर भी रहकर भी संभव नहीं था। सरकार में बतौर विधायक पूरा मान- सम्मान मिलता रहा है, जहां तक सिख समुदाय के लोगों की बात है तो लोगों को यह लगता है कि मंत्रीमंडल में उनके समुदाय से प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
भाजपा टिकट देगी तो चुनाव जरूर लडूंगा
कृषि बिल को लेकर विधयाक हरभजन सिंह चीमा का कहना है कि अगर इस बिल में कोई संशोधन हो सकता है तो केन्द्र सरकार को अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए। किसान हमारा अन्नदाता है इसलिए सरकार को किसान को नाराज नहीं करना चाहिए। उन्होंने किसानों की भागदीदारी के साथ आगे बढ़ने की बता कही। कहा कि काशीपुर क्षेत्र ही नहीं बाजपुर और पूरे प्रदेश में किसानों की जायज मांगों को उठाता रहा हूं। हरभजन सिंह चीमा ने कहा अगले चुनाव में अभी समय है। मेरा फोकस वर्तमान पर है। भाजपा अगर आने वाले चुनाव में बताैर उम्मीदवार मौका देती है तो वह जरूर चुनाव में लड़ूंगा। जल्द ही रामनगर रोड पर होने वाले फ्लाइओवर निर्माण को टेंडर भी निर्माण कंपनी को दे दिया जाएगा। जिसके बाद काशीपुर को जल्द ही दो फ्लाइओवर मिल जाएंगे।