खनन की निविदा निरस्त करने को हाई कोर्ट में चुनौती
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने पांच हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की निविदा निरस्त करने संबंधी आ
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने पांच हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की निविदा निरस्त करने संबंधी आदेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को कारण सहित जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 19 फरवरी नियत की गई है।
पिथौरागढ़ निवासी मनोज भट्ट ने याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा पिछले साल 18 दिसंबर को पिथौरागढ़, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी की 105 नदी तलों में खनन के लिए ई-निविदा जारी की। इस निविदा को तीन भागों में विभाजित किया गया। पहली शर्त के अनुसार पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल के पट्टों पर जिले के स्थानीय ठेकेदार ही निविदा डाल सकते हैं। दूसरी शर्त में पांच पांच से 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में खनन के लिए पट्टों में राज्य का कोई भी ठेकेदार निविदा डाल सकते हैं, जबकि तीसरी शर्त थी कि इससे अधिक के क्षेत्रफल में खनन के लिए कोई भी ठेकेदार निविदा डाल सकता था। यह निविदा इसी साल 11 जनवरी को खोली गई। याचिकाकर्ता द्वारा पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए निविदा डाली गई थी, 18 जनवरी को याचिकाकर्ता को ई-मेल से सूचना दी गई कि उसकी निविदा सही है और 20 जनवरी को फिर सूचना दी गई कि पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल में खनन वाली सभी निविदाएं निरस्त कर दी गई हैं।
याचिकाकर्ता का कहना था कि यदि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी थी तो उन्हीं लोगों के टेंडर निरस्त किए जाने चाहिए थे, मगर सरकार द्वारा पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल में खनन वाले सभी टेंडर निरस्त कर दिए। इस फैसले को याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को कारण सहित 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए।