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हरियाणा ही नहीं उत्तराखंड में भी खनन माफिया पुलिस पर कर चुके हमले, 6 साल में हो चुकी 44 वारदातें

2017 में काशीपुर में खनन माफिया ने पुलिस कर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मी घायल हुए थे। नैनीताल जिले के रामनगर में खनन को लेकर पुलिस पर छह साल में 12 हमले हुए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 21 Jul 2022 11:19 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jul 2022 11:19 AM (IST)
हरियाणा ही नहीं उत्तराखंड में भी खनन माफिया पुलिस पर कर चुके हमले, 6 साल में हो चुकी 44 वारदातें
ऊधम सिंह नगर में हर साल माफिया पुलिस कर्मियों पर हमले का प्रयास कर रहे हैं।

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी: तराई से पहाड़ तक पुलिस खनन माफिया के निशाने पर रही है। छह साल में 44 हमले इसकी तस्दीक कर रहे हैं। सबसे संवेदनशील ऊधम सिंह नगर में हर साल माफिया पुलिस कर्मियों पर हमले का प्रयास कर रहे हैं।

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हरियाणा के नूंह जिले के पंचगांव में खनन माफिया ने डीएसपी सुरेंद्र सिंह के ऊपर अवैध पत्थर से भरा डंपर चढ़ा दिया। डीएसपी सुरेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। डीएसपी बिना सुरक्षा बल के चेकिंग के लिए पहुंचे थे। इसी तरह के मामले कुमाऊं में भी सामने आते रहे हैं।

बिना फोर्स के चेकिंग में गए पुलिस कर्मियों पर कई बार माफिया हमले कर चुके हैं। वर्ष 2017 में काशीपुर में खनन माफिया ने दुस्साहस कर पुलिस कर्मियों के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस हमले में चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मी घायल हुए थे।

नैनीताल जिले के रामनगर में खनन को लेकर पुलिस पर छह साल में 12 हमले हुए हैं। डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि पुलिस फोर्स को निर्देशित किया है कि खनन रोकने व चेकिंग के लिए हमेशा टीम के साथ जाएं। उन्होंने कहा कि हरियाणा जैसी घटना कुमाऊं में नहीं होगी। माफिया पर लगातार कार्रवाई जारी है।

कुमाऊं में पुलिस पर हुए हमले

ऊधमसिंह नगर - 19

नैनीताल - 12

अल्मोड़ा - 03

चम्पावत - 06

पिथौरागढ़ - 02

बागेश्वर - 02

हमले की चार चर्चित घटनाएं

केस-1

दिसंबर 2018 को बरहैनी के बोर नदी में अवैध खनन रोकने गई पुलिस टीम पर खनन माफिया ने हमला किया। इस दौरान महिलाओं ने पुलिस कर्मियों को घेर लिया था। माफिया ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ाकर ले गए थे। इस दौरान सिपाही चंदन सिंह घायल हो गया था।

केस-2

सात दिसंबर 2018 को कुंडेश्वरी पुलिस जुड़का-गांधीनगर में पहुंची। जहां माफिया एक खेत में खनन को ठिकाना लगा रहे थे। पुलिस के पहुंचते ही माफिया ने हमला कर दिया था। कांस्टेबल नरेंद्र और एक अन्य पुलिस कर्मी को टै्रक्टर-ट्राली से कुचलने का प्रयास किया। माफिया व पुलिस में हुई हाथापाई में सिपाही नरेंद्र चोटिल हो गया था।

केस-3

11 दिसंबर 2017 को काशीपुर में खनन माफिया व उसके गुर्गों ने कोतवाल समेत पांच दारोगाओं पर जानलेवा हमला कर दिया था। फायरिंग कर दहशत फैलाई। हमला उस समय हुआ जब टीम ट्रैक्टर-ट्राली को पकड़कर आइटीआइ थाने ला रही थी। हमले में चौकी इंचार्ज योगेश दत्त, मनोज देवड़ी, एएसपी का हमराह अरविंद चौधरी व होमगार्ड चेतन घायल हो गए थे।

केस-4

23 दिसंबर 2018 को काशीपुर में बुलेट से ट्रैक्टर-ट्राली का पीछा कर रहे दारोगा संदीप पिलख्वाल को खनन माफिया ने कुचलने का प्रयास किया था। बुलेट ट्रैक्टर के नीचे आने पर दारोगा घायल हो गए थे। उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था। दारोगा को अस्पताल पहुंचाने के बाद आरोपितों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि खनन माफियाओं पर शिकंजा कसा गया है। पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए हैं कि वह खनन के विरुद्ध कार्रवाई करते समय दलबल व सुरक्षा के साथ ही जाएं।


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