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असम राइफल के सिपाही कुंदन की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि

असम राइफल के सिपाही कुंदन सिंह बसेड़ा का पार्थिव शरीर बुधवार तड़के घर पर पहुंचा। गमगीन माहौल में सुबह नौ बजे जवान की अंतिम यात्रा घर से चित्रशिला घाट के लिए रवाना हुई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 07:41 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 07:41 PM (IST)
असम राइफल के सिपाही कुंदन की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि
असम राइफल के सिपाही कुंदन की सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि

हल्द्वानी, जेएनएन : असम राइफल के सिपाही कुंदन सिंह बसेड़ा का पार्थिव शरीर बुधवार तड़के लछमपुर, कुंवरपुर गौलापार स्थित घर पर पहुंचा। गमगीन माहौल में सुबह नौ बजे जवान की अंतिम यात्रा घर से चित्रशिला घाट के लिए रवाना हुई। घाट पर सैन्य सम्मान के साथ देह की अंत्येष्टि कर दी गई। चिता को मुखाग्नि जवान के बेटे विशाल बसेड़ा ने दी। लछमपुर में रहने वाले 48 वर्षीय कुंदन सिंह बसेड़ा असम राइफल में सिपाही थे। वर्तमान में वह मणिपुर के उखरोला में तैनात थे। कुछ दिन पहले ही वह छुट्टियां बिताकर घर से ड्यूटी को रवाना हुए थे। 10 फरवरी को अचानक तबीयत बिगडऩे के बाद उनकी मृत्यु हो गई। मणिपुर से हवाई सेवा से कुंदन का पार्थिव देह गुरुवार को दिल्ली लाया गया। दिल्ली से सड़क मार्ग से एंबुलेंस के जरिये असम राइफल के जवान कुंदन का पार्थिव देह लेकर हल्द्वानी आए।

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सुबह साढ़े पांच बजे पार्थिव देह लेकर एंबुलेंस के घर आते की माहौल गमगीन हो गया। मां सरस्वती देवी, पत्नी दीपा, बेटी उर्मिला, बेटे विशाल व परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। नौ बजे अंतिम यात्रा चित्रशिला घाट के लिए रवाना हुई। घाट पर आर्मी स्टेशन हल्द्वानी के प्रभारी कर्नल वी सिवा सेशा साई समेत अफसर व पूर्व सैनिकों ने तिरंगे से लिपटे कुंदन के देह को सलामी दी। 10 जवानों की टुकड़ी ने 20 राउंड हवाई फायर कर सलामी देने के बाद शस्त्र झुकाकर शोक जताया। इसके बाद तिरंगे को कुंदन के सबसे बड़े भाई पुष्कर सिंह बसेड़ा को सौंपा गया। इस दौरान विधायक नवीन दुम्का, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कैप्टन आरएस धपोला, हरेंद्र बोरा, कैप्टन बीएस पोखरिया, पार्षद प्रमोद तोलिया, ग्राम प्रधान ललित प्रसाद, हरेंद्र बोरा समेत दर्जनों ग्रामीण व पूर्व सैनिक मौजूद रहे।

चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे कुंदन : बसेड़ा परिवार के चार भाइयों में से तीन सेना से जुड़े हैं। कुंदन के सबसे बड़े भाई पुष्कर सिंह बसेड़ा भी सेना से नायक पद पर सेवानिवृत्त हुए। दूसरे नंबर के भाई होशियार सिंह बसेड़ा असम राइफल में नायब सूबेदार हैं। तीसरे नंबर के कुंदन सिंह थे। उनके सबसे छोटे भाई मनोहर सिंह बसेड़ा हल्द्वानी में प्राइवेट जॉब करते हैं।

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