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तनाव बढ़ने से दिमाग की नसों में होता है दबाव, माइग्रेन अटैक का रहता है खतरा

भागमभाग भरी जिंदगी अनियमित दिनचर्या और असंतुलित भोजन के साथ तनाव होने पर दिमाग की नसों पर दबाव बढ़ने लगता है। यही स्थिति माइग्रेन अटैक (Migraine attack) का कारण बनने लगती है। इसके ल‍िए जरूरी है सावधानी और संतुलित भोजन।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 07:16 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 07:16 PM (IST)
तनाव बढ़ने से दिमाग की नसों में होता है दबाव, माइग्रेन अटैक का रहता है खतरा
भोजन व दिनचर्या को दुरुस्त रखने से ही बीमारी पर पर नियंत्रण संभव

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : भागमभाग भरी जिंदगी, अनियमित दिनचर्या और असंतुलित भोजन के साथ तनाव होने पर दिमाग की नसों पर दबाव बढ़ने लगता है। यही स्थिति माइग्रेन अटैक (Migraine attack) का कारण बनने लगती है।

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माइग्रेन अटैक के और भी तमाम कारण हैं, लेकिन जरूरी है सावधानी और संतुलित भोजन। यह परामर्श रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में चरक क्लीनिक के आयुर्वेद के वरिष्ठ कायचिकित्सा विशेषज्ञ डा. एनके मेहता ने दिया। वह दैनिक जागरण कार्यालय में उपस्थति रहे।

माइग्रेन के ये भी हैं कारण

  • - असंयमित खानपान
  • - तली-भुनी खाद्य पदार्थों का अधिक प्रयोग
  • - अत्यधिक परिश्रम
  • - जरूरत से ज्यादा व्यायाम
  • - माइग्रेन का पारिवारिक इतिहास
  • - महिलाओं में हार्मोंस का असंतुलन
  • - परिवार नियोजन की गोलियों का अधिक सेवन

ये रहते हैं लक्षण

  • - आधे सिर में तीव्र दर्द होना
  • - सिर दर्द का असर आंख, कान व भौंप पर पड़ना
  • - बेचैनी व जी मिचलाना
  • - राेशनी, आवाज का भी अच्छा न लगना
  • - सिर दर्द के साथ उल्टियां होना

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक समस्या

डा. मेहता का कहना है कि माइग्रेन की समस्या पुरुषों में अधिक देखने को मिला। दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर में भी 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने समस्या के समाधान जानने के लिए फोन किया। एक अनुसंधान के मुुताबिक महिलाओं में 20 प्रतिशत और पुरुषों में छह प्रतिशत यह बीमारी होती है।

जरूरत से ज्यादा खाना कर देता है बीमार

डा. मेहता ने बताया कि हर व्यक्ति के लिए खाने की मात्रा बहुुत महत्वपूर्ण होती है। प्रत्येक व्यक्ति व रोगी को भोजन अपने हिसाब से ही तय करना चाहिए। चार रोटी की भूख है तो उससे कम ही खाएं। भोजन करने का समय तय होना चाहिए। भोजन संतुलित और पौष्टिक होना चाहिए। अधिक भोजन लेने से भी माइग्रेन की समस्या बढ़ती है। इसके साथ ही नियमित योग व ध्यान करें। इस बीमारी से बचाव के लिए आयुर्वेद व याग विशेषज्ञ से परामर्श लेें।

इन्होंने लिया परामर्श

हल्द्वानी से भावना मिश्रा, हेमंत गौनिया, अमिता वर्मा, प्रभा खन्ना, धन सिंह रावत, रानीखेत से देवेंद्र तिवारी, रामनगर से सरोजनी, कालाढूंगी से गीता जोशी, लालकुआं से विजय कुमार, रुद्रपुर से लीला देवी, लोहाघाट से जोगेंद्र बोरा, चम्पावत से दीपिका जोशी, डीडीहाट से मनीषा सिंह, नैनीताल से दिव्या, बागेश्वर से ललित सिंह आदि ने फोन कर परामर्श दिया।


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