ऑनलाइन खातों में होगा मध्याह्न भोजन योजना का भुगतान, निगरानी के साथ त्वरित भुगतान में मिलेगी मदद
मध्याह्न भोजन योजना को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के अंतर्गत लाने की तैयारी है। इसके लिए सभी सरकारी स्कूलों के जीरो बैलेंस ऑनलाइन खाते खुलेंगे। पीएफएमएस लागू होने से कुकिंग मूल्य भोजनमाता मानदेय ढुलान भाड़ा आदि परियोजना मुख्यालय से एक क्लिक पर सीधे स्कूल के खाते में डाला जाएगा।
गणेश पांडे, हल्द्वानी। पीएम आवास योजना की तर्ज पर एमडीएम यानी मध्याह्न भोजन योजना को सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के अंतर्गत लाने की तैयारी है। इसके लिए सभी सरकारी स्कूलों के जीरो बैलेंस ऑनलाइन खाते खुलेंगे। पीएफएमएस लागू होने से कुकिंग मूल्य, भोजनमाता मानदेय, ढुलान भाड़ा आदि परियोजना मुख्यालय से एक क्लिक पर सीधे संबंधित स्कूल के खाते में डाला जाएगा।
अभी स्कूलों की डिमांड पर बीईओ कार्यालय जिले से धन की मांग करते हैं, जबकि जिले राज्य मुख्यालय से ग्रांट की डिमांड करते हैं। बैंकों के माध्यम से धनराशि खातों में हस्तांरित होने में कई दिनों का समय लग जाता है। राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान जल्द ही इसका ट्रायल करने जा रहा है।
यह होगा फायदा
वर्तमान में एमडीएम खाता प्रधानाध्यापक व विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) अध्यक्ष के हस्ताक्षर से संचालित होता है। स्कूल से जिले, फिर राज्य से बजट आने व फिर भोजनमाता व दूसरे खातों में जाने में समय लगता है। पीएफएमएस से पैसा त्वरित खातों में पहुंच जाएगा। धनराशि खातों में लंबित नहीं पड़ी रहेगी। राज्य से ही वेब पोर्टल के जरिये योजना की निगरानी हो जाएगी।
स्कूलों से अवशेष राशि का ब्योरा मांगा
अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने सभी सीईओ से स्कूलवार एमडीएम के तहत अवशेष धनराशि का ब्योरा मांगा है। स्कूलों को विभिन्न मदों में शेष राशि का ब्यौरा 10 जुलाई तक राज्य मध्याह्न भोजन प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराना है।
ये है पीएफएमएस
सरकारी योजनाओं के भुगतान को त्वरित व पारदर्शी बनाने के लिए 2016 में पीएफएमएस की शुरुआत हुई। पीएनबी हल्द्वानी के सीजीएम अशोक तिवारी ने बताया कि इस व्यवस्था में कोई भी विभागाध्यक्ष एक क्लिक से खातों में पैसा ट्रांसफर करने का आग्रह करेगा। बैंक तत्काल उसे खातों में डाल देगा।
जिले को 2.22 करोड़ रुपये मिले
राज्य परियोजना कार्यालय ने अप्रैल, मई की कुकिंग कास्ट, भोजनमाता मानदेय का 2.22 करोड़ रुपये नैनीताल जिले को जारी किए हैं। इसमें 59854 बच्चों की कुकिंग कास्ट, 2201 भोजनमाताओं का मानदेय शामिल है। जून का चावल नहीं आया है।
समग्र शिक्षा अभियान के अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती का कहना है कि एमडीएम को पीएफएमएस वेट पोर्टर पर लाया जाता है। इसके लिए सभी जिलों से अवशेष धनराशि का ब्यौरा मांगा है। उम्मीद है जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।