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नाम के मेडिकल स्टोर, कारोबार नशे का

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नशे के खिलाफ मंगलवार को हल्द्वानी शहर में अभियान चला व बनभूलपु

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Dec 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 03:01 AM (IST)
नाम के मेडिकल स्टोर, कारोबार नशे का
नाम के मेडिकल स्टोर, कारोबार नशे का

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नशे के खिलाफ मंगलवार को हल्द्वानी शहर में अभियान चला व बनभूलपुरा, इंदिरानगर के मेडिकल स्टोरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। पुलिस टीम की मौजूदगी में सात मेडिकल स्टोरों को औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट ने चेक किया तो तमाम अनियमितताएं मिली। पुलिस को पिछले कई दिन से बनभूलपुरा व इंदिरानगर में प्रतिबंधित व नारकोटिक्स की श्रेणी में आने वाली दवाइयां बेचे जाने की सूचना मिल रही थी। छापेमारी से दवा की दुकान चलाने वालों में हड़कंप मच गया। ड्रग इंस्पेक्टर के मुताबिक दो मेडिकल स्टोरों का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। लापरवाही बरतने पर चार दवा स्टोरों के क्रय-विक्रय पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है। दुकानों से एक्सपायरी डेट के साथ ही प्रतिबंधित दवाइयां भी टीम को मिली हैं। एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव के निर्देश पर सीओ डीसी ढौंडियाल, थानाध्यक्ष बनभूलपुरा दिनेश नाथ महंत, चौकी प्रभारी भोटिया पड़ाव नंदन सिंह रावत, उप निरीक्षक संजीत कुमार व राधिका भंडारी इंदिरानगर भी छापेमारी के दौरान मौजूद रहे।

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इन स्टोरों पर ये कार्रवाई

हिमांशु मेडिकल स्टोर बनभूलपुरा में चेकिंग के दौरान फ्रिज नहीं मिला। एक्सपायरी डेट की दवाइयां मिली। फर्म संचालक को पांच दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का नोटिस दिया गया है। फर्म के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई। एनके मेडिकल स्टोर बनभूलपुरा में कफ सिरप की नौ बोतलें एक्सपायरी डेट की मिली। संचालक क्रय-विक्रय का हिसाब नहीं नहीं दे सके। स्टोर संचालक से पांच दिन में स्पष्टीकरण मांगते हुए क्रय-विक्रय पर रोक लगाई गई है। अब्दुल सलाम मेडिकल स्टोर बनभूलपुरा में प्रतिबंधित दवा की छह गोलियां मिली तो टीम ने यहां भी क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी। इंडिया मेडिकल स्टोर इंदिरानगर बिना फार्मासिस्ट की उपस्थिति के संचालित हो रहा था। एक्सपायरी डेट की दवाइयों के रखरखाव की व्यवस्था नहीं थी। फर्म का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। जीसी मेडिकोज बनभूलपुरा में भी एक्सपायरी दवाइयों के रखरखाव का इंतजाम नहीं था। संचालक एविल व कुछ अन्य दवाइयों के क्रय-विक्रय का हिसाब नहीं दिखा सके। मौके पर फर्म का लाइसेंस भी नहीं दिखा सके। फर्म के क्रय-विक्रय पर रोक लगाते हुए संचालक से पांच दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। मदीना मेडिकल स्टोर बनभूलपुरा छोटी रोड में न ही फर्म स्वामी और न ही फार्मासिस्ट मौके पर मिला। इस दवा की दुकान का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। आशु मेडिकल स्टोर में कोई अनियमितता नहीं मिली।

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खुद औषधि निरीक्षक क्यों नहीं करती जांच

पुलिस के अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई हुई। औषधि निरीक्षक मीनाक्षी बिष्ट भी पहुंची, लेकिन विडंबना है कि औषधि निरीक्षक अपने स्तर से कभी इस तरह की जांच की पहल तक नहीं करती। यहां कि तक सामान्य दिनों में निरीक्षण की भी औपचारिकता नहीं निभाई जाती। शहर की कई ऐसी दुकानें हैं, जहां खुलकर मनमानी होती है।

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डटे रहे अध्यक्ष, बुलाई बैठक

शहर में मेडिकल स्टोर की दुकानों में छापेमारी के चलते केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन भी हरकत में आ गया। अध्यक्ष नीरज कांडपाल पूरी कार्रवाई के दौरान मौके पर डटे रहे। इसके बाद बैठक बुलाई। कार्रवाई पर चर्चा की। कांडपाल ने कहा कि गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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क्षेत्र में नशे के रूप में तमाम दवाइयां बिना डॉक्टर की सलाह के बेची जा रही थी। जिन दवाइयों को बड़ी मात्रा में नशे के रूप में उपयोग किया जा रहा था। नशे के खिलाफ अभियान के चलते ही यह कार्रवाई हुई। आगे भी इस तरह का अभियान जारी रहेगा।

-अमित श्रीवास्तव, एसपी सिटी


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