अल्मोड़ा के बेस कैंपस में लगेगा मेडिकल कॉलेज का ऑक्सीजन प्लांट, पर्वतीय क्षेत्र के मरीजों को मिलेगी सुविधा
ऑक्सीजन प्लांट स्थापना को केंद्र सरकार से पूर्व में ही स्वीकृति मिल चुकी है। इसे 25 मई तक स्थापित कर दिया जाएगा। केंद्र ने पूर्व में ही 3.18 करोड़ का बजट स्वीकृत कर अवमुक्त भी कर दिया था। इसमें से पचास प्रतिशत धनराशि कार्यदायी संस्था को दी जा चुकी है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। 3.18 करोड़ रुपये की लागत वाले प्लांट के निर्माण का जिम्मा चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी कंपनी हिंदुस्तान लेटैक्स लिमिटेड (एचएलएल) को दिया गया है। प्लांट बेस चिकित्सालय परिसर में स्थापित होगा।
केंद्र सरकार से इस प्लांट के लिए वित्तीय स्वीकृति वर्ष 2020 में ही मिल चुकी थी। ऑक्सीजन प्लांट को हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र से 3.18 करोड़ रुपये अवमुक्त भी किए जा चुके थे। एचएलएल को कार्यदायी संस्था बनाया गया था। कार्य प्रारंभ करने के लिए संस्था को 1.49 करोड़ रुपये भी दिए जा चुके थे, लेकिन संस्था की कछ़ुआ गति से किए गए निर्माण कार्य के कारण बकाया धनराशि मार्च 2021 में वापस चली गई। अब केंद्र से बची राशि जल्द मिलने के बाद यह ऑक्सीजन प्लांट मूर्त रूप ले सकेगा। इसके अस्तित्व में आने के बाद पर्वतीय जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत के मरीजों को आपातकाल में ऑक्सीजन के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा।
प्लांट में दो जनरेटर लगेंगे
प्लांट में ऑक्सीजन तैयार करने के लिए दो बड़े जनरेटर लगाए जाएंगे। एचएलएल कंपनी के तकनीकी कर्मी यहीं ऑक्सीजन का उत्पादन कर सिङ्क्षलडरों में स्टोर करेंगे। वहीं पाइप लाइन के जरिये वार्डों में बने प्रत्येक बेड तक ऑक्सीजन भी पहुंचाई जा सकेगी।
10 साल तक एचएलएल करेगा संचालित
स्थापित होने के बाद निर्माण एजेंसी एचएलएल ही इस ऑक्सीजन प्लांट का संचालन करेगी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज और एचएलएल के बीच दस वर्षों के लिए समझौता भी हो चुका है।
प्राचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा डा. रामगोपाल नौटियाल ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट स्थापना को केंद्र सरकार से पूर्व में ही स्वीकृति मिल चुकी है। इसे 25 मई तक स्थापित कर दिया जाएगा। केंद्र ने पूर्व में ही 3.18 करोड़ का बजट स्वीकृत कर अवमुक्त भी कर दिया था। इसमें से पचास प्रतिशत धनराशि कार्यदायी संस्था को दी जा चुकी है। मार्च 2021 में बची धनराशि केंद्र को वापस चली गई। एक दो दिन में उसके अवमुक्त होने की उम्मीद है।
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