एमबीपीजी कालेज की प्रो. शुभ्रा कांडपाल पर दर्ज एससीएसटी केस निरस्त, अन्य धारा में जारी रहेगा समन
एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 2020 में हितेश वर्मा व अन्य मामले में पारित आदेश को आधार मानते हुए डॉ कांडपाल पर लगे एससीएसटी एक्ट के समन को निरस्त कर दिया लेकिन अन्य धाराओं में जारी समन की कार्यवाही यथावत रहेगी।
जागरण संवाददाता, नैनीताल: हाई कोर्ट ने हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डा. शुभ्रा कांडपाल के खिलाफ दर्ज एससीएसटी एक्ट के मुकदमे को निरस्त कर दिया है।
डा. शुभ्रा कांडपाल ने 19 सितम्बर 2021 को अपने कॉलेज के प्राध्यापक डॉ बीआर पंत, डॉ विनय कुमार विद्यालंकार, डॉ नवल किशोर लोहनी, डॉ शिवनारायण सिद्ध व डा. सुरेश टम्टा के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा हल्द्वानी थाने में दर्ज कराया था। ठीक उसी दिन इन्हीं प्राध्यापकों ने डा. शुभ्रा कांडपाल के खिलाफ आइपीसी की धारा 504, 506 व एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया।
डॉ कांडपाल पर आरोप था कि 13 मार्च 2021 को उन्होंने डा.पंत, डा. विनयकुमार विद्यालंकार, डा. नवल किशोर लोहनी, डा. शिवनारायण सिद्ध व डा. सुरेश टम्टा के साथ दुर्व्यवहार किया और जान से मारने की धमकी दी। डा. सुरेश टम्टा के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।
आरोप है कि डा. शुभ्रा कांडपाल का किसी अन्य मामले में कॉलेज के प्राचार्य के साथ विवाद था और वह अन्य प्राध्यापकों से उनके मामले में प्राचार्य का पक्ष न लेने को कह रही थी।
इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट नैनीताल ने आठ फरवरी 2022 को डा. शुभ्रा कांडपाल के खिलाफ आइपीसी की धारा 504 व 506 और एससीएसटी एक्ट के अंतर्गत सम्मन जारी किया था। इस सम्मन को डॉ शुभ्रा कांडपाल ने याचिका दायर कर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 2020 में हितेश वर्मा व अन्य मामले में पारित आदेश को आधार मानते हुए डॉ कांडपाल पर लगे एससीएसटी एक्ट के समन को निरस्त कर दिया, लेकिन अन्य धाराओं में जारी समन की कार्यवाही यथावत रहेगी।