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India-Nepal Tension : नेपाल पीएम के करीबी कंचनपुर के मेयर ने नो मैंस लैंड को बताया नेपाल का ह‍िस्‍सा

India-Nepal Tension टनकपुर शारदा बैराज के निकट इंडो नेपाल बॉर्डर के नो मैंस लैंड को कंचनपुर महापालिका के मेयर सुरेंद्र बिष्ट भी नेपाल का बताने लगे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 06:07 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 07:50 AM (IST)
India-Nepal Tension : नेपाल पीएम के करीबी कंचनपुर के मेयर ने नो मैंस लैंड को बताया नेपाल का ह‍िस्‍सा
India-Nepal Tension : नेपाल पीएम के करीबी कंचनपुर के मेयर ने नो मैंस लैंड को बताया नेपाल का ह‍िस्‍सा

चम्पावत, विनय कुमार शर्मा : India-Nepal Tension :टनकपुर शारदा बैराज के निकट इंडो नेपाल बॉर्डर के नो मैंस लैंड पर हुए अतिक्रमण भूमि को अभी तक तो नेपाली नागरिक ही अपना बता रहे थे लेकिन अब तो कंचनपुर महापालिका के मेयर सुरेंद्र बिष्ट भी इसे नेपाल का बताने लगे हैं। उनका कहना है कि टनकपुर शारदा बैराज बनाने को नेपाल ने अपनी 33 एकड़ भूमि दी थी। बैराज बनने के बाद नेपाल की जो भूमि बची उसमें सालों से सामुदायिक वन समिति घास काटने से लेकर पौधरोपण करती आई है। वहां तभी से तारबाड़ था लेकिन तारबाड़ खराब हो जाने के कारण उनकी जगह नए सीमेंट के पिलर लगाए जा रहे हैं। एसएसबी जिसे नो मैंस लैंड बता रही है बल्कि वह तो नेपाल की अपनी भूमि है। नो मैंस लैंड निर्धारित करने वाला पिलर तो तालाब में डूब गया है। जिस कारण विवाद हो रहा है।

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दोनों देशों के अधिकारियों को जल्द सर्वे कराकर नो मैंस लैंड एरिया का निर्धारण करना चाहिए। तभी दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे बने रह सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में यह भी बात आई कि कंचनपुर महापालिका ने 49 लाख रुपये तारबाड़ के लिए दिए हैं जो गलत है। महापालिका ने इसके लिए कोई बजट नहीं दिया है। बल्कि सामुदायिक वन समिति को मिले बजट के अनुसार यह कार्य किया गया है। बता दें कि कंचनपुर मेयर सुरेंद्र बिष्ट नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के करीबी माने जाते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि उन्हीं के संरक्षण में नेपाली नागरिकों ने नो मैंस लैंड पर तारबाड़ किया है।

विवाद न सुलझने के कारण नहीं बनाई रोड

कंचनपुर मेयर बिष्ट ने कहा कि शारदा बैराज बनने के दौरान दोनों देशों के बीच हुई संधि के तहत भारत को नेपाल तक नहर व रोड बनानी थी। जिसमें भारत ने रोड का निर्माण कर दिया वहीं नहर निर्माण की कार्यवाही गतिमान है। इसी के तहत कंचनपुर महापालिका द्वारा ब्रहम्देव मंदिर से बंधे के किनारे नेपाल बीओपी से 100 मीटर आगे तक रोड का निर्माण किया जाना था। इसके लिए एक करोड़ का बजट भी स्वीकृत हो गया है लेकिन दोनों देशों के बीच नो मैंस लैंड एरिया का निर्धारण न होने के कारण कार्य नहीं हो पा रहा है। वहीं मेयर बिष्ट ने कहा कि एसएसबी के नए अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। पूर्व अधिकारियों को इसकी पूरी जानकारी थी। जिस कारण यह बात सामने आई। नो मैंस लैंड पर कोई भी नया कंस्ट्रक्शन नहीं किया गया है।

तथ्य व सत्य के आधार पर निकले इसका हल

कंचनपुर मेयर ने कहा कि दोनों देशों के बीच सालों से रोटी बेटी के संबंध है। दोनों देशों की संस्कृति व सभ्यता भी काफी मेल खाती है। तकनीकि तथ्यों व सत्यता के आधार पर दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद का पटाक्षेप होना चाहिए। रही अतिक्रमण किए जाने की बात तो हमने कंचनपुर सीडीओ से वार्ता की है। वह चार अगस्त को चम्पावत जिला प्रशासन के साथ वार्ता कर इसका जरूर कोई हल निकालेंगे। दोनों देशों को जल्द से जल्द इसका सर्वे करा लेना चाहिए।

यह है मामला

बीती 22 जुलाई को टनकपुर शारदा बैराज के निकट ब्रहम्देव मंडी के पास इंडो नेपाल सीमा स्थित नो मैंस लैंड पर नेपाली नागरिकों ने सीमेंट के पिलर गाड़कर तारबाड़ किया और उस क्षेत्र में पौधारोपण किया। एसएसबी ने इसका विरोध किया। जिससे नेपाली नागरिक आक्रोशित हो उठे।

जानिए चंपावत के एसपी क्या बोले

एसपी, चम्पावत लोकेश्वर सिंह ने बताया कि टनकपुर में नो मैंस लैंड पर तारबाड़ और पौधारोपण के लिए करीब 49 लाख का बजट नेपाली नागरिकों को मिला है। इनपुट मिले हैं कि तारबाड़ में नेपाल की लोकल बॉडी के शामिल होने की बात सामने आई है। यह बजट कहां से मिला है यह भी बात कंफर्म नहीं हुई है। वहीं अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है। चार अगस्त को कंचनपुर प्रशासन के साथ होने वाली बैठक में इसका जल्द हल निकाला जाएगा।


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