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मान्यता मिलने के बाद भी अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को चलाने में ये आएगी परेशानी

Almora Medical College got Recognition एमएनसी से मान्यता मिलन के बाद राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा अस्तित्व में अब आ जाएगा। लेकिन कालेज का संचालन आसान नहीं होगा। स्टाफ संसाधन की कमियों को दूर करना बड़ी चुनौती बनेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 01:26 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 01:26 PM (IST)
मान्यता मिलने के बाद भी अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को चलाने में ये आएगी परेशानी
मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को एमएनसी ने दी मान्यता

गणेश जोशी, हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा अब अस्तित्व में आ जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की ओर से अनुमति मिल गई है, लेकिन कालेज का संचालन आसान नहीं होगा। स्टाफ, संसाधन की कमियों को दूर करना बड़ी चुनौती बनेगा। इसका असर मरीजों की सुविधाओं और विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी पड़ेगा। इसके लिए एनएमसी के मानकों को समय रहते पूरा करना होगा।

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तीन साल से मान्यता की फाइल चल रही थी, लेकिन जनप्रतिनिधियों व शासन में बैठे अधिकारियों की लापरवाही की वजह से काम अधर में लटकता जा रहा था। अब एनएमसी ने लेटर आफ इंटेंट भेज दिया है। जल्द ही लेटर आफ परमिशन (एनओपी) भी मिल जाएगा। चुनाव से ठीक से पहले मान्यता को लेकर टिवट्र वार छिड़ गया था। इसके लिए पूरी सरकार जुट गई थी। हल्द्वानी में पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी कालेज के जल्द शुरू होने की बात कही थी।

30 प्रतिशत स्टाफ की अभी भी कमी

फिलहाल अल्मोड़ा कालेज में डाक्टरों को रोकना बड़ी चुनौती है। इस समय 30 प्रतिशत डाक्टरों की कमी है। कई डाक्टरों ने ज्वाइन किया और छोड़ दिया। करीब 20 डाक्टर हल्द्वानी मेडिकल कालेज से अल्मोड़ा भेजे गए थे। डाक्टरों को वहीं पर रोकना भी फिलहाल चुनौती बना हुआ है।

डा. नौटियाल ने भी तीन साल की मेहनत

राजकीय मेडिकल कालेज शुरू कराने के लिए हल्द्वानी मेडिकल कालेज से डा. राम गोपाल नौटियाल को प्राचार्य बनाकर भेजा गया था। वह अप्रैल 2018 से जुलाई 2021 तक रहे। कालेज में स्टाफ से लेकर संसाधन जुटाने में उनका अहम योगदान रहा। बाद में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य से विवाद के बाद उन्हें हटाना पड़ा था।

इन चुनौतियों से पार पाना होगा

- डाक्टर्स के क्वार्टर अभी तक पूरे नहीं हैं

- अस्पताल में भी पूरी सुविधाएं नहीं हैं।

- अस्पताल में सभी विशेषज्ञों की ओपीडी नहीं होती है।

- डाक्टर्स व लोगों के लिए पार्किंग की सुविधा नहीं है।

- अस्पताल व मेडिकल कालेज में पानी नहीं है।

- जांच व अन्य जरूरी उपकरण अभी उपलब्ध नहीं हैं।

एनडी तिवारी ने की थी घोषणा

वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने अल्मोड़ा मेडिकल कालेज की घोषणा की थी। मुख्यालय में अल्मोड़ा मेडिकल कालेज का निर्माण वर्ष 2012 में शुरू हुआ था। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उद्घाटन किया था। इसके भवन निर्माण पर करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये खर्च हुए।

मार्च से 100 सीटों पर शुरू हो एडमिशन

प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि कई वर्षों से मेडिकल कालेज की मान्यता के प्रयास जारी थे। 13 व 14 जनवरी को एनएमसी की टीम ने दो दिनों तक निरीक्षण किया था। जिसके बाद हमें लेटर आफ इंटेंट मिल चुका है। मार्च से 100 सीटों पर कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। काउंसङ्क्षलग की जा रही है। छात्रों के आने के बाद अन्य व्यवस्थाएं भी ठीक हो जाएंगी।


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