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आंगन में खेल रहे बच्‍चे को अपना निवाला बनाने वाला तेंदुआ पिंजरे में फंसा, ग्रामीणों ने कहा ये वो आदमखोर नही

पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ पिंजरे में फंस गया है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि ये वह आदमखोर नहीं है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 11:11 AM (IST)
आंगन में खेल रहे बच्‍चे को अपना निवाला बनाने वाला तेंदुआ पिंजरे में फंसा, ग्रामीणों ने कहा ये वो आदमखोर नही
आंगन में खेल रहे बच्‍चे को अपना निवाला बनाने वाला तेंदुआ पिंजरे में फंसा, ग्रामीणों ने कहा ये वो आदमखोर नही

गंगोलीहाट (पिथाैरागढ) जेएनएन : पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ पिंजरे में फंस गया है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि ये वह आदमखोर नहीं है जिसने पूरे क्षेत्र को दहशतजदा कर रखा है। उसके लिए उन्‍‍होंने दूसरा पिंजरा लगाने की मांग की है। इस दौरान ग्रामीणों ने गांव में पहुंचे वनकर्मियों का घेरवा उन पर दूसरा पिंजरा लगवाने के लिए दबाव भी बनाया। वहीं पिंजरे में फंसे तेंदुए को अल्‍मोड़ा भेज दिया गया है।

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घर के आंगन से उठा ले गया था बच्‍चे को

बीते दस नवंबर को विरगुल क्षेत्र के सौलीगैर गांव में शाम को आंगन में खेल रहे पांच वर्षीय बालक मयंक खाती को तेंदुआ उठा ले गया था। बच्चे का शव घर से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर बरामद हुआ था। इसके बाद वन विभाग ने तेंदुए को पकडऩे के लिए सौलीगैर में पिंजरा लगाया था। घटना के सातवें दिन शनिवार की सुबह चार बजे वह पिंजरे में फंस गया। ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही वन दरोगा मोहन जोशी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग की टीम जब पिंजरे को लेकर आने लगी तो ग्रामीणों ने पिंजरे में फंसे तेंदुए को नरभक्षी नहीं माना और पहले गांव में दूसरा पिंजरा लगाने की मांग की। इस मांग को लेकर वन कर्मियों का घेराव किया।

सिटी मजिस्‍ट्रेट से ग्रामीणों ने साझा किया दर्द

तेंदुए को वन रेंज कार्यालय दशाईथल लाया गया। जहां से उसे अल्मोड़ा भेज दिया गया है। गांव में दूसरा पिंजरा नहीं लगाए जाने पर ग्रामीण वन रेंज कार्यालय पहुंचे। जहां पर संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ. सौरभ गहरवार को उन्होंने ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि क्षेत्र में तेंदुओं का आतंक बना हुआ है। दिन दहाड़े ही तेंदुए नजर आ रहे हैं। पिंजरे में फंसे तेंदुए के नरभक्षी होने की पुष्टि नहीं हुई है। तत्काल दूसरा पिंजरा लगाने की मांग की गई। ग्रामीणों ने कहा है कि क्षेत्र के विरगोली, ब्यालकट्टा, सौलीगैर, तामानौली, चौली, पोखरी आदि गांवों में दहशत है। मृतक बच्चे के ताऊ मोहन सिंह ने कहा कि उनके परिवार पर जो बीती है उसे वह नहीं बता सकते। क्षेत्र में फिर से ऐसी घटना नहीं हो पिंजरा आवश्यक है।

विभाग के पास है सिर्फ एक पिंजरा

संयुक्त मजिस्ट्रेट ने ग्रामीणों को बताया कि वन विभाग के पास केवल एक पिंजरा है। जिसे आज अल्मोड़ा भेजा गया है। दो दिन बाद गांव में फिर से पिंजरा लगा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वन विभाग और राजस्व की टीम क्षेत्र में तैनात रहेगी। दोनों टीमें झाड़ी कटान का कार्य करेंगी। पिंजरे में फंसा गुलदार स्वस्थ है और काफी बड़ा है। गुलदार के दशाईथल लाते ही उसे देखने वालों का तांता लगा रहा। पशु चिकित्सकों की जांच के बाद उसे अल्मोड़ा भेजा गया।

तेंदुए बच्‍चे और कुत्‍तों बनाते हैं अपना शिकार

बाघा की अपेक्षा कद-काठी में छोटे और कम शक्तिशाली तेंदुए अक्‍सर बच्‍चे, कुत्‍तों और बकरियों को अपना शिकार बनाते हैं। क्‍योंकि इन्हें वे आसानी से घसीट ले जाते हैं।

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