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अस्पताल से घर लाने तक नहीं थे रुपए, अकेले ही हल्द्वानी में किया अंतिम संस्कार

कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की दुश्वारियां लोगों के लिए परेशानी का कारण बन चुकी हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 05:32 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 01:41 PM (IST)
अस्पताल से घर लाने तक नहीं थे रुपए, अकेले ही हल्द्वानी में किया अंतिम संस्कार
अस्पताल से घर लाने तक नहीं थे रुपए, अकेले ही हल्द्वानी में किया अंतिम संस्कार

चम्पावत, जेएनएन : कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की दुश्वारियां लोगों के लिए परेशानी का कारण बन चुकी हैं। नियमों में ढील के बाद भी लोग बाहर फंसे होने के कारण अपने परिजनों के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। जो लोग क्वारंटाइन में रखे गए हैं वे मृत-माता पिता को पिंडदान भी नहीं कर पा रहे हैं। चंपावत जिले के सीमांत तल्लादेश के चामी तामली गांव के जगदीश पांडेय भी लॉकडाउन में इसी पीड़ा से गुजरे हैं। चम्पावत के पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोविंद सामंत इनके लिए देवदूत बनकर आए और संकट की इस घड़ी में उन्होंने इस परिवार की हर संभव मदद की।

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कृषि कार्य एवं मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले जगदीश पांडेय की 33 वर्षीय पत्नी गीता पांडेय की कुछ दिनों पूर्व अचानक तबीयत खराब हो गई। लॉकडाउन की वजह से पत्नी को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाना भी उनके लिए मुमकिन नहीं हो पा रहा था। किसी व्यक्ति ने उन्हें पूर्व जिला पंचायत सदस्य गोविंद सामंत से संपर्क करने का सुझाव दिया। जगदीश पांडेय ने गोविंद सामंत से संपर्क कर अपनी व्यथा सुनाई तो उन्होंने उनकी पत्नी को चम्पावत अस्पताल लाने का इंतजाम किया और जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसे दो दिन रखा गया। हालात अत्यधिक खराब होने पर गीता को हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया।

गोविंद सामंत ने यहां भी उनकी मदद की और अपने पैसों से महिला को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल भिजवाया। इलाज के दौरान दस दिन बाद गीता पांडेय की मौत हो गई। अब जगदीश पांडेय के सामने पत्नी का शव घर ले जाने की चुनौती आ गई। पत्नी की मौत, लॉकडाउन की सख्ती और आर्थिक तंगी ने उन्हें तोड़कर रख दिया। उन्होंने एक बार फिर गोविंद सामंत से मदद की गुहार लगाई। जिस पर उन्होंने हल्द्वानी में प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर किसी तरह अनुमति दिला कर मृतका के अंतिम संस्कार का प्रबंध करा दिया।

बेबश जगदीश ने दुखी मन से हल्द्वानी में अकेले ही पत्नी का अंतिम संस्कार किया। गोविंद सामंत ने जगदीश के चम्पावत आने का पास बनवाया और वाहन का इंतजाम करवा कर हल्द्वानी से तामली भिजवाया। इस समय पत्नी को खो चुके जगदीश गांव से करीब एक किमी दूर स्कूल में क्वारंटाइन हैं। उनका 13 वर्षीय पुत्र जो कि अपनी मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया मां का क्रिया कर्म कर रहा है।

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