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लोअर माल रोड पर दबाव कम करने को प्रस्तावित टनल की जमीन पर भूमाफिया की नजर

हरीश रावत सरकार में माल रोड पर वाहनों का दबाव कम करने को प्रस्तावित सुरंग के लिए चिह्नित भूखंड पर भूमाफिया की नजर पड़ गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 06:06 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:06 PM (IST)
लोअर माल रोड पर दबाव कम करने को प्रस्तावित टनल की जमीन पर भूमाफिया की नजर
लोअर माल रोड पर दबाव कम करने को प्रस्तावित टनल की जमीन पर भूमाफिया की नजर

अल्मोड़ा, जेएनएन : हरीश रावत सरकार में माल रोड पर वाहनों का दबाव कम करने को प्रस्तावित सुरंग के लिए चिह्नित भूखंड पर भूमाफिया की नजर पड़ गई है। आरोप है कि लोनिवि के समय पर लोअर माल स्थिति रोडवेज वर्कशॉप के पास जमीन अपने सुपुर्दगी में न लेने के कारण उसे खुर्दबुर्द किया जाने लगा है। पूर्व दर्जा मंत्री की शिकायत पर डीएम ने इस मामले में जांच के निर्देश दे दिए हैं।

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दरअसल, वर्ष 2015 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने लोअर माल रोड से धारानौला (सिकुड़ा बैंड) तक टनल निमरण को मंजूरी दी थी। मकसद था शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त कर मुख्य माल रोड पर वाहनों का दबाव कम करना। वर्ष 2016 में व्यावहारिक परीक्षण के लिए लोनिवि (प्रांतीय खंड) को 50 लाख रुपये मंजूर हुए।

परीक्षण का जि मा गुड़गांव की एक इंजीनियरिंग कंपनी को दिया गया। लोअर माल रोड पर रोडवेज वर्कशॉप के पास भूमि चिहि्नत की गई। तब से मामला अधर में है। डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इस मामले में लोनिवि को जांच के आदेश दे दिए हैं। पता लगाएंगे कि चिह्नित भूमि कितनी है। अब वहां कौन किसके इशारे पर निमरण कार्य करा रहा।

भूमि दानदाताओं को मुआवजा मिले

इधर शुक्रवार को पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कनरटक डीएम नितिन सिंह भदौरिया से मिले। बताया कि परीक्षण में विषेशज्ञ पूर्व में रोडवेज वर्कशाप के पास से धारानौला सिकुड़ा बैंड तक टनल निमरण के लिए इस स्थल को उपयुक्त बता चुके। लोनिवि को बीती नवंबर में फिजिबिलिटी रिपोर्ट सौंपी, जो दिसंबर में राज्य सरकार को भेजी गई। कुल 1228 मीटर लंबी प्रस्तावित सुरंग की अनुमानित लागत डेढ़ अरब रुपये आंकी गई। योजना शासन में लटकी पड़ी है। शासन ने रोडवेज वर्कशाप के पास टनल के लिए चिहि्नत भूमि को अपनी सुपुर्दगी में नहीं लिया। इससे भूमिदान देने वालों को मुआवजा नहीं मिला। हालांकि इस भूखंड की खरीद फरोख्त पर रोक जरूर लगा दी गई थी। वहीं भूमि दानदाताओं को मुआवजा भी नहीं मिला है।

अवैध निमरण न रुका तो जनांदोलन

पूर्व दर्जा मंत्री ने आरोप लगाया कि अब भूमाफिया चिह्नित भूमि को खुर्दबुर्द करने में जुटे हैं। अवैध मकान बनाए जाने लगा है। वहां सड़क निर्माण की भी तैयारी है। कांग्रेसी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भूमाफिया व स्थानीय नेताओं का गठजोड़ सरकार व शासन की सुस्ती का लाभ उठा टनल योजना पर रोड़ा लगाने में जुटे हें। उन्होंने डीएम से जमीन की खरीदफरोख्त पर रोक लगा सुरंग योजना के लिए ठोस पहल की मांग की। ताकि सांस्कृतिक नगरी को टनल रूपी अनूठी योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने चिह्नित भूमि पर अवैध निमरण न रुकने पर जनांदोलन की चेतावनी भी दी। ईई लोनिवि विजय कुमार ने कहा, डीएम के आदेश मिलते ही जांच शुरू कर देंगे।


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