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मिट्टी व शैवाल न निकाले जाने से नष्ट हो गए कमल ताल के कमल के पौधे

भीमताल से तीन किलोमीटर दूरी पर नौकुचियाताल से लगा कमलताल सरकारी तंत्र का दंश झेल रहा है। कभी कमलताल में खिले कमल को देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता था वहीं अब हजारों की संख्या में पर्यटकों के वाहन यहां से गुजरने के बावजूद कमलताल वीरान रहता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 07:42 AM (IST)
मिट्टी व शैवाल न निकाले जाने से नष्ट हो गए कमल ताल के कमल के पौधे
मिट्टी व शैवाल न निकाले जाने से नष्ट हो गए कमल ताल के कमल के पौधे

भीमताल, संवाद सहयोगी : भीमताल से महज तीन किलोमीटर दूरी पर नौकुचियाताल से लगा कमलताल सरकारी तंत्र का दंश झेल रहा है। कभी कमलताल में खिले कमल को देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ता था, वहीं अब हजारों की संख्या में पर्यटकों के वाहन यहां से गुजरने के बावजूद कमलताल वीरान रहता है। रखरखाव के अभाव में कमलताल झील अब वीरान हो गई है।

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स्थानीय निवासियों की मानें तो पिछले तीन सालों से झील के रखरखाव को लेकर ध्यान नहीं दिया गया। झील से मिट्टी ने निकालने और सुंदरीकरण का कार्य नहीं होने के कारण यह ताल अपनी रौनक खोता जा रहा है। लोगों का कहना है कि शैवाल को निकाला गया होता तो झील के अंदर सूरज की रोशनी पहुंचती। लेकिन ऐसा न होने से यहां के जलीय पेड़ों का खतरा पैदा हो गया है।

कमल ताल से लगे नौकुचिया ताल में तीन साल पहले पानी भरने के कारण यहां से ग्रास काॅर्प कमल ताल पहुंच गई और उसने धीरे धीरे कमल पौधों को नुकसान पहुंचाया। ग्रास कार्प अपने वजन से तीन गुना अधिक ग्रास को खाती है। इसी प्रवृत्ति के कारण उसने कमल ताल के अधिकांश कमल के पौधों को नीचे से काट दिया है। कमल ताल में खिले कमल का धार्मिक महत्व भी बहुत है।

स्थानीय लोग इस कमल को मानसरोवर में खिले ब्रह्म कमल के समान मानते हैं। इसकी पूजा करते हैं। स्थानीय निवासी कमल पलाडिया, मोहन जितेंद्र चुनौतियां आदि बताते हैं कि सिंचाई विभाग को कई बार मामले की जानकारी देने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आया है। वहीं स्थानीय निवासियों ने 2021 के मार्च से प्रारंभ होने वाले पर्यटन सीजन से पूर्व कमल ताल में सुंदरीकरण और उसमें कमल के नए बीज डालने की मांग की है।

क्या कहते हैं अधिकारी और जनप्रतिनिधि

सिंचाई खंड नैनीताल के सहायक अभियंता डीसी पंत कहते हैं कि कमलताल के सुंदरीकरण और अन्य कार्यों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृत होते ही कार्य कराया जाएगा। वहीं जिला पंचायत सदस्य अनिल चुनौतियां ने बताया कि कमल ताल नैनीताल जिले का एक शानदार और धार्मिक पर्यटक स्थल है। स्थानीय जनता द्वारा कई बार शासन प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराते हुए यहां पर कमल बचाने के लिए सार्थक प्रयास करने का अनुरोध किया गया है। फिलहाल हुआ कुछ भी नहीं है।

विधायक ने उठाया विधानसभा में मामला

विधायक भीम ताल राम सिंह कैड़ा ने बताया कि भीमताल, सातताल, कमलताल और नौकुचियाताल समेत कई अन्य झीलों में विकास कार्य को लेकर विधानसभा में मामले को उठाया गया है। जहां से मुझे ज्ञात हुआ है कि भीमताल में शीघ्र ही रुड़की की एक टीम आने वाली है। कोरोना के चलते टीम के आने में थोड़ा विलंब हो गया है। यह टीम क्षेत्र की अन्य झीलों का भी संभवत निरीक्षण करे।


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