31 दिसंबर आखिरी तिथि : ITR दाखिल करने से आसानी से मिलता है लोन, व्यापार शुरू करने में भी मददगार
आयकर दाखिल करने की आखिरी तिथि 31 दिसंबर है। इसके लिए तीन दिन का समय बचा है। आइटीआर यानी आयकर रिटर्न भरने के कई फायदे होते हैं। इससे बैंक लोन मिलने में आसानी रहती है। खुद का रोजगार शुरू करने के लिए भी बैंक लोन काफी मददगार साबित होता है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : आयकर दाखिल करने की आखिरी तिथि 31 दिसंबर है। इसके लिए अब तीन दिन का समय बचा है। आइटीआर यानी आयकर रिटर्न भरने के कई फायदे होते हैं। इससे बैंक लोन मिलने में आसानी रहती है। खुद का रोजगार शुरू करने के लिए भी बैंक लोन काफी मददगार साबित होता है। दूसरी ओर इनकम टैक्स के दायरे में आने के बावजूद टैक्स दाखिल न करने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इन्हें इनकम टैक्स फाइल करना जरूरी
सीए रोहित नौला का कहना है कि जिनका भी पैन नंबर आ गया है उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए, लेकिन प्रोविजन के मुताबिक चार तरह के लोगों के लिए इनकम टैक्स फाइल करना जरूरी होता है। वार्षिक आय ढाई लाख से अधिक होने पर रिटर्न दाखिल करना जरूरी है। इसके अलावा साल में एक करोड़ से ज्यादा की रकम चालू खाते में जमा कराने, सालाना दो लाख रुपये से ज्यादा विदेशी दौरे पर खर्च करने और सालाना एक लाख से ज्यादा बिजली बिल देने पर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।
टैक्स फाइल न करने पर लगेगा जुर्माना
सालाना आय 2.5 लाख से ज्यादा है और 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। निर्धारित तारीख तक ITR दाखिल नहीं करने पर आपको 5 हजार रुपए तक का भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है। एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है या अपनी देनदारी के 90% से कम चुकाया है तो उसे सेक्शन 234ए के तहत 1% प्रति माह का ब्याज पेनल्टी के रूप में चुकाना होगा। अगर समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं तो देय आयकर पर लगने वाले ब्याज की बचत कर सकते हैं। इससे आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं।
आयकर भरने पर ही मिलता है टैक्स रिफंड
अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं भी आते हैं तब भी रिटर्न फाइल करना चाहिए। इससे आपको कई फायदे होते हैं। टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR दाखिल करना जरूरी है। कई देशों की वीजा अथॉरिटीज वीजा के लिए 3 से 5 साल का ITR मांगते हैं। इनकम टैक्स फाइल करने पर एक प्रमाण पत्र मिलता है। जब भी ITR दाखिल होता है तब उसके साथ फॉर्म 16 भरा जाता है, फॉर्म 16 वहां से मिलता है जहां व्यक्ति नौकरी कर रहा है। इस तरह एक सरकारी तौर पर प्रमाणिक कागजात हो जाता है जिससे यह साबित होता है कि व्यक्ति की इतनी रुपए सालाना नियत आय है। आय का रजिस्टर्ड प्रमाण मिलने से क्रेडिट कार्ड, लोन या खुद की क्रेडिट साबित करने में मदद होती है। बैंक लोन मिलने में आसानी होती है। खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए भी जरूरी है।