निकायों के सीमा विस्तार से सबंधित नोटिफिकेशन रद
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने नगरपालिका-नगर निगमों की सीमा विस्तार के मामले में भाजपा सरका
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने नगरपालिका-नगर निगमों की सीमा विस्तार के मामले में भाजपा सरकार को अब तक का सबसे बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने निकायों के सीमा विस्तार को चुनौती देती याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार की समस्त अधिसूचना, शासनादेशों को निरस्त कर दिया। साथ ही सरकार को 48 घंटे के भीतर नई अधिसूचना जारी कर उसे समाचार पत्रों में प्रकाशित करने को कहा है। विज्ञप्ति में निकायों में शामिल होने वाली ग्राम सभाओं से एक सप्ताह में आपत्ति मांगने तथा इन आपत्तियों पर सरकार को एक सप्ताह में सुनवाई करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने गुरुवार को महाधिवक्ता से पूछा था कि परिसीमन करते समय ग्रामीणों अथवा जनप्रतिनिधियों को सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया गया। महाधिवक्ता द्वारा शुक्रवार तक का समय मांगा गया था। महाधिवक्ता एसएन बाबूलकर ने शुक्रवार को कोर्ट को अवगत कराया कि सरकार याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का मौका देने को तैयार है। कोर्ट के फैसले के बाद अप्रैल में तय निकाय चुनाव पर संशय पैदा हो गया है।
दरअसल, भवाली क्षेत्र के प्रधान संजय जोशी, हल्द्वानी ब्लॉक प्रमुख भोला दत्त भट्ट, गाम पंचायत बाबूगढ़, संघर्ष समिति कोटद्वार, पिथौरागढ़ के दौला वास्ते, धनोरा, चम्बा समेत 40 से अधिक याचिकाओं में सरकार द्वारा निकायों का सीमा विस्तार कर उसमें ग्रामीण क्षेत्रों केा शामिल करने को चुनौती दी गई थी। इन याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार द्वारा सुनवाई का मौका दिए बगैर उन्हें जबरन निकाय क्षेत्रों में शामिल किया जा रहा है। यहां तक कि परिसीमन में तय प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। प्रधानों पर बस्ते जमा करने का दबाव डाला जा रहा है। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबूलकर उपस्थित हुए और उन्होंने कहा कि सरकार याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का मौका देने को तैयार है। जिसके बाद एकलपीठ ने सीमा विस्तार से संबंधित सभी नोटिफिकेशन निरस्त करते हुए सरकार को निर्देश दिए कि फिर से 48 घंटे में नया नोटिफिकेशन जारी करे।
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इन लोगों ने दायर की थी याचिकाएं
भवाली के संजय जोशी, अनीता देवी, ग्राम पंचायत जीवाला लंबगांव, ग्राम सभा भारूवाला, फुरकान अहमद, ग्राम सभा मुवाकोट, प्रताप सिंह कुवार्बी, गोपाल आर्य, प्रवीण मेहता, प्रमोद कुमार, ग्राम पंचायत बाबूगढ़, मंजू बिष्ट, भोलादत्त भट्ट, सुमन सिंह, अनीता असवाल, निर्मलजीत कौर, बलकार सिंह, आनंद कुमार, दिनेश कुमार, किरन शर्मा, संघर्ष समिति कोटद्वार, बाजिद अली, अशोक काम्बोज, सत्यप्रकाश मंमगाई, दलीप सिंह, यशपाल सिंह, ग्राम पंचायत दौला, जीत सिंह, बंडिया ग्राम सभा, प्रीतम भाटिया, बसंती देवी, ललित मेहरा, मोहम्मद अहमद, सुरेश चंद्र, रामकिशन समेत 40 से अधिक।
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सुनवाई का मौका नहीं देना बना आधार
नैनीताल : हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा निकायों में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करने के मामले में उन्हें सुनवाई का मौका नहीं मिलने को फैसले को आधार बनाया है। इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट इस बाद से बेहद नाराज थी कि सरकार ने ग्रामीणों को सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया। भवाली पालिका बोर्ड का यह फैसला भी अहम था, जिसमें पालिका ने ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करने का विरोध किया था।