जमीन विवाद में बड़े भाई को मौत के घाट उतारने वाले हत्यारे को आजीवन कारावास
जमीनी विवाद में पांच साल पहले बड़े भाई को मौत के घाट उतारने वाले आरोपित को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 07 Aug 2019 09:51 AM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 02:18 PM (IST)
खटीमा(ऊधमसिंह नगर) जेएनएन : जमीनी विवाद में पांच साल पहले बड़े भाई को मौत के घाट उतारने वाले आरोपित को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में वादिनी हत्याभियुक्त की सगी बहन है।
अभियोजन के मुताबिक 4 जून 2014 को सितारगंज कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में वहीं के रहने वाले कुलदीप सिंह की गंडासे से वार कर व फिर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले मृतक की बहन उत्तर प्रदेश के बहेड़ी थाना क्षेत्र के मनकटा फरडिय़ा की अमरजीत कौर ने छोटे भाई रणजीत सिंह उर्फ जीता उर्फ सरदार तथा गोविंदपुर के ही पूरन सिंह व गुरदीप कौर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। रणजीत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कुलदीप व रणजीत के बीच चार एकड़ जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चला आ रहा था। रणजीत ने दो अन्य लोगों की मदद से बड़े भाई कुलदीप को मौत के घाट उतार दिया। जांच उपरांत पुलिस की ओर से सिर्फ रणजीत के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन ने न्यायालय में 12 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मणि ने रणजीत को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास व 50 हजार का जुर्माना तथा 25 आम्र्स एक्ट में एक वर्ष का कारावास व 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष से पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोड़ा ने की।
अभियोजन के मुताबिक 4 जून 2014 को सितारगंज कोतवाली क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में वहीं के रहने वाले कुलदीप सिंह की गंडासे से वार कर व फिर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले मृतक की बहन उत्तर प्रदेश के बहेड़ी थाना क्षेत्र के मनकटा फरडिय़ा की अमरजीत कौर ने छोटे भाई रणजीत सिंह उर्फ जीता उर्फ सरदार तथा गोविंदपुर के ही पूरन सिंह व गुरदीप कौर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। रणजीत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कुलदीप व रणजीत के बीच चार एकड़ जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चला आ रहा था। रणजीत ने दो अन्य लोगों की मदद से बड़े भाई कुलदीप को मौत के घाट उतार दिया। जांच उपरांत पुलिस की ओर से सिर्फ रणजीत के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन ने न्यायालय में 12 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मणि ने रणजीत को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास व 50 हजार का जुर्माना तथा 25 आम्र्स एक्ट में एक वर्ष का कारावास व 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष से पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोड़ा ने की।
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