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रुद्रपुर में दोस्त की हत्या कर लाखों लूटने वाले दो लोगों को आजीवन कारावास

दोस्ती में दगा कर लाखों रुपये लूटने और फिर उसकी हत्या करने वाले दो युवकों को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 38 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित कर जेल भेज दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 06:45 PM (IST)
रुद्रपुर में दोस्त की हत्या कर लाखों लूटने वाले दो लोगों को आजीवन कारावास
तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला की अदालत ने सुनाया फैसला

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : दोस्ती में दगा कर लाखों रुपये लूटने और फिर उसकी हत्या करने वाले दो युवकों को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 38 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित कर जेल भेज दिया है।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि वार्ड नंबर 18 दरियानगर निवासी अशोक कुमार ने 27 नवंबर 2014 को दर्ज रिपोर्ट में कहा था कि उसका भतीजा गगन भुडडी रेता बजरी का काम करता था। उसने शिवशंकर नामक व्यक्ति से रेता बजरी के पैसे लेने थे।

वापस मांगने पर शिवशंकर ने कहा कि उसे काशीपुर में सतीश से पैसे लेने हैं, वह उसके साथ काशीपुर चलेगा तो उससे रुपये लेकर दे देगा। इस पर 26 नवम्बर 2014 को शिवशंकर उसके भतीजे गगन के साथ कार में बैठ कर चल दिया।

शिवशंकर ने अपने दोस्त अभिषेक राय व गोलू उर्फ चंदन निवासी ग्राम कीरतपुर को फोन किया तो वे भी रास्ते में मिल गए। जहां से चारों काशीपुर पहुंचे और शिवशंकर ने सतीश से रुपये लेकर एक बैग में डालकर कार में रख लिए। जिसके बाद वह लोग वापस रुद्रपुर को आने लगे। रास्ते में गगन व शिवशंकर पेशाब करने उतरे तो अभिषेक बैग से रुपये निकाल रहा था। जिस पर उनमें कहासुनी होने लगी।

बाद में वे लोग गदरपुर थाना क्षेत्र में सकैनिया व राजपुरा के बीच पहुंचे तो वहां पर कार को रोककर उनके बीच कहासुनी भी हुई। पीछे बैठे अभिषेक राय ने गगन के सिर में तमंचे से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। शिवशंकर कार से निकल कर भागा तो गोलू उर्फ चंदन ने जान से मारने की नियत से उस पर गोली चला दी। जो कार का दरवाज़ा खुलने के कारण गोली दरवाजे में धंस गई।

बाद में दोनों आरोपित रुपयों से भरा बैग लूटकर भाग गए। पुलिस ने दोनों आरोपितों को 3 दिसम्बर 2014 को गिरफ्तार कर उनसे तमंचा और लूटे गए 55330 रुपये बरामद कर लिए थे। पुलिस ने उनको रिमांड पर लेकर उनकी निशानदेही पर लूटे गए दो लाख रुपये और बरामद किए। दोनों के विरूद्ध तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला के न्यायालय में मुकदमा चला।

एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 14 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया। सोमवार को दोनों को दोषी करार देते हुए धारा 302 में आजीवन कारावास व 15 हजार रुपए का जुर्माना, धारा 394 में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 397 में 7 वर्ष के कठोर कारावास, धारा 411 में 3 वर्ष के कठोर कारावास और 3000 रुपये का जुर्माना तथा धारा 25 आर्म्स एक्ट में 3 वर्ष के कठोर कारावास और 5000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।


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