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19 लोगों पर एसिड फेंकने वाले मां-बेटे को उम्र कैद, कहानी जानकर हो जाएंगे विचलित

एसिड अटैक मामले में आरोपित मां-बेटे को प्रथम सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अभियुक्‍तों को सोमवार को ही दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 04:19 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 04:19 PM (IST)
19 लोगों पर एसिड फेंकने वाले मां-बेटे को उम्र कैद, कहानी जानकर हो जाएंगे विचलित
19 लोगों पर एसिड फेंकने वाले मां-बेटे को उम्र कैद, कहानी जानकर हो जाएंगे विचलित

हल्द्वानी (जेएनएन): चार साल पहले इंदिरानगर में हुए चर्चित एसिड कांड को भला कौन भूल सकता है। उस खौफनाख वारदात ने पूरे शहर को दहशत में ला दिया था। मामले में आरोपित मां-बेटे को प्रथम सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।   कोर्ट ने अभियुक्‍तों को सोमवार को ही दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। आइए आपको बताते हैं उस घटना की पूरी कहानी जिसका जिक्र ही लोगों को दहशत में ला देता है।

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मामला है इंदिरानगर के वार्ड नंबर दो का। 10 जून 2014 का वह दिन पीडि़त परिवार के लिए किसी कहर से कम नहीं था। उस दिन मोहल्‍ले के इरशाद और उनका साढू भाई लईक अहमद का परिवार काठगोदाम स्थित मजार जाने की तैयारी कर रहा था। घर से बाहर निकलते ही पड़ोसी मो. जकी और उसकी मां रहमत जहां ने इरशाद और लईक के परिवार पर किसी बात को लेकर अश्लील फफ्तियां करनी शुरू कर दी। दोनों के परिवारों में पहले  से ही कुछ अनबन थी। खैर इरशाद और लईक के परिवार के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो दोनों पक्षों में विवाद और गहरा गया। इतने में ही मो. जकी अपनी परचून की दुकान से तेजाब की बोतल निकाल लाया और इरशाद के सिर पूरी बोतल फोड़ दी। इतने पर भी वे शांत नहीं हुए तो जकी की मां रहमत जहां भी दुकान से तेजाब की बोतलें निकाल लाई और दोनों मां-बेटे ने मिलकर इरशाद और लईक के परिवार पर तेजाब फेंकना शुरू कर दिया।

19 लोग झुलस गए थे एसिड अटैक में

पुलिस को दी गई तहरीर में लईक ने मो. जकी व रहमत जहां के साथ ही उनके रिश्तेदार मो. लवी और अफतार पर भी एसिड एटैक का आरोप लगाया था। इस एसिड कांड लईक व इरशाद के परिवार के साथ ही आसपड़ोस के कुल 19 लोग झुलसे थे। ये मामला कई दिनों तक सुर्खियों में बना रहा। इस चर्चित कांड में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत तक घायलों का हाल देखने आए थे। सभी गंभीर रूप से घायलों को डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

19 गवाह‍ किए गए थे पेश

इस मामले में विवेचन तत्कालीन बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने की। विवेचक ने रहमत जहां और उसके बेटे मो. जकी के खिलाफ धारा 307, 326, 504 और 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल किए। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 19 गवाह न्यायालय में पेश किए गए। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन जोशी ने बताया कि न्यायाधीश अरविंद कुमार ने सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए रहमत जहां और उसके पुत्र मो. जकी को सभी धाराओं में दोषी करार दिया है। मंगलवार को दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

एसिड बेचने के आरोपित दोनों कारोबारी दोषमुक्त

इस कांड में पुलिस की पूछताछ में मो. जकी ने बताया उसने एसिड मो. आसिफ से खरीदा था। जबकि आसिफ ने पूछताछ में बताया कि उसने ये एसिड सप्लायर मृदुल शर्मा से लिया था। इस माले में आसिफ और मृदुल शर्मा के विरुद्ध भी धारा 285 के तहत विवेचक नीरज भाकुनी ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए थे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद साक्ष्यों के अभाव में न्यायालय ने आसिफ और मृदुल शर्मा को दोषमुक्त किया है।

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