Move to Jagran APP

बढ़ने वाली हैं बिल्डर प्रिया शर्मा तथा सुधीर चावला की कानूनी मुश्किलें

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने प्रिया व सुधीर के खिलाफ दायर आरोप पत्र के आधार पर विभिन्न धाराओं में आरोपों के प्रथम दृष्टïया साक्ष्य होना पाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 07:50 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 07:50 PM (IST)
बढ़ने वाली हैं बिल्डर प्रिया शर्मा तथा सुधीर चावला की कानूनी मुश्किलें
बढ़ने वाली हैं बिल्डर प्रिया शर्मा तथा सुधीर चावला की कानूनी मुश्किलें

नैनीताल, जेएनएन : एनएच मुआवजा घोटाला मामले में आरोपित बिल्डर प्रिया शर्मा तथा सुधीर चावला की कानूनी मुश्किलें बढ़ले वाली हैं। जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टïाचार निवारण नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने प्रिया व सुधीर के खिलाफ दायर आरोप पत्र के आधार पर विभिन्न धाराओं में आरोपों के प्रथम दृष्टïया साक्ष्य होना पाया है। साथ ही 19 नवंबर को कोर्ट ने दोनों को तलब किया है।

loksabha election banner

एनएच घोटाला मामले में एसआइटी के प्रमुख सीओ स्वतंत्र कुमार द्वारा 26 जनवरी को एलायंड इन्फ्रा की प्रिया शर्मा पत्नी गौरव निवासी नीलियम कॉलोनी हल्द्वानी व सुधीर चावला पुत्र सुरेंद्र चावला निवासी एलायंस कॉलोनी रुद्रपुर के खिलाफ धारा-167, 118, 219, 409, 420, 465, 466, 468 120 बी व भ्रष्टïाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। विवेचना के दौरान पता चला कि प्रिया द्वद्वारा कृषि भूमि को अकृषि कर 23 करोड़ का प्रतिकर प्राप्त किया। जिसमें से 40 फीसद रकम बिचौलिये जिशान के खाते में जमा की गई। इसमें से डेढ़ करोड़ अपना कमीशन ले लिया जबकि अन्य रकम आरटीजीएस के माध्यम से प्रिया व सुधीर की कंपनी के खाते में जमा की। 40 लाख नगद भी दिए।

इधर प्रिया की कंपनी द्वारा फाजलपुर-महरौला के खेत नंबर-94 का मात्र इकरारनामे के आधार पर तीन करोड़ 62 लाख का सौदा कर खुद की संपत्ति दर्शा दी। इसी बीच 20 मार्च को सीओ राजेश भट्ट के नेतृत्व में पुलिस टीम ने प्रिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया।

इन धाराओं पर पाए गए साक्ष्य

एंटी करप्शन कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से आरोपों को गलत करार दिया गया था तो अभियोजन की ओर से डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बहस करते हुए कहा कि दोनों आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। कोर्ट ने धारा-420, 467, 468, 471, 120 बी,  भ्रष्टïाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत तय आरोपों के साक्ष्य होना पाया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद प्रिया व सुधीर को 19 नवंबर को तलब किया है। जिसके बाद अभियोजन द्वारा साक्ष्यों के आधार पर पर गवाही शुरू की जाएगी। अदालत ने बचाव पक्ष की करोड़ों की रकम के ट्रांजेक्शन को बिजनेस के उद्देश्य के लिए करने की दलील खारिज करते हुए माना कि यह घपला है। आरोपितों द्वारा दस्तावेजों की कूट रचना कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। यहां बता दें कि पिछले दिनों हाई कोर्ट ने चिकित्सकों की रिपोर्ट के आधार पर प्रिया की शॉट टर्म जमानत मंजूर की थी।

यह भी पढ़ें : एनएच-74 मुआवजा घोटाला मामले में डाटा एंट्री ऑपरेटर को हाई कोर्ट से मिली जमानत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.