Uttarakhand Lockdown : छोटे व्यापारियों के समर्थन में उतरीं नेता प्रतिपक्ष, ऑनलाइन व्यापार का आदेश वापस
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने मध्यम व छोटे वर्ग के व्यापारियों का समर्थन करते हुए कहा कि ऑनलाइन शांपिंग कंपनियों को सामान बेचने की अनुमति रद्द होनी चाहिए।
हल्द्वानी, जेएनएन : नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने मध्यम व छोटे वर्ग के व्यापारियों का समर्थन करते हुए कहा कि ऑनलाइन शांपिंग कंपनियों को सामान बेचने की अनुमति रद्द होनी चाहिए। क्योंकि हर वर्ग का दुकानदार इसे अपना उत्पीडऩ बता रहा है। इसकी बजाय ठोस योजना बनाकर जरूरी फुटकर सामान की बिक्री की परमिशन दुकानदारों को ही देनी चाहिए। वहीं सरकार ने ऑलाइन कारोबार शुरू करने के आदेश को वापस ले लिया है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि एक माह से देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है। जिस वजह से दुकानदारों के समक्ष भी संकट खड़ा हो गया है। इस बीच सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों को व्यापार की परमिशन देकर व्यापारियों के हितों से खिलवाड़ किया है। जबकि यह लोग भी लॉकडाउन को सफल बनाने में पूरा योगदान दे रहे हैं। सरकार को इनकी परेशानी समझते हुए कोई कदम उठाना चाहिए।
ऑनलाइन शॉपिंग रद्द होने से व्यापारियों में खुशी
सरकार द्वारा ऑनलाइन कारोबार के अनुमति को वापस लेने पर शहर के विभिन्न व्यापार संगठनों ने खुशी जाहिर की है। संगठनों के व्यापारियों का कहना है कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी से लडऩे के लिए सरकार के साथ खड़ा है। वहीं, छोटे-बड़े सभी तबके के कारोबारी लॉकडाउन के दौरान अधिक घाटा सहना पड़ा रहा है। इसके बावजूद प्रशासन के आदेश का समर्थन किया जा रहा है। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा व राय जीएसटी प्रभारी ने कहा कि केंद्र पूर्व में सरकार ने ऑनलाइन कारोबार को व्यापार को अनुमति मिल गई थी। जिसका शहर के व्यापारी संगठनों ने पुरजोर विरोध किया था। जिसके चलते सरकार ने अपने फैसला वापस ले लिया है। चालू किए जाने के आदेश के विरोध में एकजुटता से आवाज उठाते हुए लड़ाई में साथ दिया और विजय प्राप्त की। वहीं, प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष मोंगा व प्रदेश महामंत्री राजेंद्र फस्र्वाण ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ई-शॉपिंग की अनुमति देने का फैसला गलत लिया था।