जिम कार्बेट पार्क में वन्यजीवों के लिए परेशानी का शबब बने लैंटाना को जड़ से खत्म किया जाएगा
सीटीआर में वन्य जीवों के लिए परेशानी का कारण बनी लैंटाना घास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।
रामनगर, जेएनएन : सीटीआर में वन्य जीवों के लिए परेशानी का कारण बनी लैंटाना घास को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है।
कालागढ़ वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान में गुरुवार को वनाधिकारियों की मौजूदगी में लैंटाना रिमूवल एंड ग्रासलैंड मैनेजमेंट विषय पर कार्यशाला हुई। विशेषज्ञों ने फील्ड स्टाफ को लैंटाना हटाने की तकनीक की जानकारी दी। इस दौरान कॉर्बेट के 12 रेंजों के कर्मचारी मौजूद थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर सीआर बाबू ने बताया कि लैंटाना के बढऩे से कॉर्बेट के पारिस्थितिकीय तंत्र पर असर पड़ेगा। लैंटाना हटाने को पुरानी तकनीक की जगह नई तकनीक अपनानी होगी। अब इसे जमीन से तीन इंच नीचे जड़ के पास से काटना होगा। जड़ से ऊपर से काटने पर यह फिर से काफी बड़ी तादाद में अंकुरित हो जाती है। कॉर्बेट के निदेशक राहुल ने बताया कि लैंटाना ने वन्य जीवों के वास स्थलों को प्रभावित किया है। लैंटाना हटने से वन्य जीवों के आहार वाली प्रजाति उगेगी।
कार्यशाला को अंबेडकर विश्वविद्यालय के डीन सुरेश बाबू व डीयू के वैज्ञानिक विक्रम, उपनिदेशक चन्द्रशेखर जोशी, एसडीओ कालागढ़ आरके तिवारी, तराई केंद्रीय वन प्रभाग के एसडीओ ने भी संबोधित किया। एसडीओ ने बताया कि शुक्रवार को स्टाफ को फ ल्ड में ले जाकर बताया जाएगा। इस दौरान रेंजर जयपाल रावत, राजकुमार, संदीप गिरी, प्रशांत हिन्दवान मौजूद रहे।