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जीआइसी भिंगराड़ा में शिक्षकों की कमी, अभिभावकों ने दी छात्रों को विद्यालय से नाम कटाने की चेतावनी

यहां छात्र-छात्राओं की संख्या 350 है जिनमें 135 छात्राएं हैं। कॉलेज में एलटी विज्ञान गणित अंग्रेजी एवं गृह विज्ञान के प्रवक्ता नहीं हैं। हाईस्कूल में भी गणित अंग्रेजी और रसायन विज्ञान जैसे विषयों के अध्यापकों के पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 04:17 PM (IST)
जीआइसी भिंगराड़ा में शिक्षकों की कमी, अभिभावकों ने दी छात्रों को विद्यालय से नाम कटाने की चेतावनी
गणित, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई किए बिना ही घरों को लौट रहे हैं।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर जीआईसी भिंगराड़ा में प्रधानाचार्य सहित कई अध्यापकों के पद रिक्त होने से पठन-पाठन ठप हो गया है। इन दिनों हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र पांच से छह किमी का पैदल रास्ता तय कर पढऩे के लिए आ रहे हैं। पर गणित, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई किए बिना ही घरों को लौट रहे हैं। अभिभावकों ने कोविड की स्थिति सामान्य होने तक अध्यापकों की तैनाती न किए जाने पर आंदोलन शुरू  करने की चेतावनी दी है।

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इस शैक्षिक सत्र में यहां छात्र-छात्राओं की संख्या 350 है, जिनमें 135 छात्राएं हैं। कॉलेज में एलटी विज्ञान, गणित, अंग्रेजी एवं गृह विज्ञान के प्रवक्ता नहीं हैं। हाईस्कूल में भी गणित अंग्रेजी और रसायन विज्ञान जैसे विषयों के अध्यापकों के पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। कोरोना काल में दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए स्कूल खुलने के बाद यहां दोनों कक्षाओं के 84 छात्र-छात्राएं दैनिक रूप से यहां आ रहे हैं, लेकिन महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई न होने से उन्हेंं मायूस होना पड़ रहा है। अभिभावकों का कहना है कि दो साल से हाईस्कूल और इंटर में अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग की जा रही है, लेकिन शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ग्राम प्रधान गीता भट्ट ने बताया कि शिक्षकों के अलावा कनिष्ठ सहायक, दफ्तरी, चौकीदार के पद भी खाली हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने वाला भी कोई नहीं मिलता। अभिभावक कमल भट्ट, सतीश चंद्र, दीपक शर्मा, रमेश चंद्र, खिलानंद, प्रकाश सिंह, हरीश चंद्र, गिरीश सिंह, गणेश गोस्वामी, भुवन चंद्र, भोला दत्त, जीवन चंद्र, शंकर दत्त, उमेश चंद्र, प्रेमबल्लभ आदि का कहना है कि आगामी शैक्षिक सत्र से पूर्व अध्यापकों की तैनाती नहीं की गई तो क्षेत्र के सभी अभिभावक अपने बच्चों को यहां से हटा लेंगे।  

कैसे करें बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम की उम्मीद

डुंगर गिरी, विक्रम सिंह, हरीश चंद्र आदि अभिभावकों का कहना है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में अध्यापकों की कमी क्षेत्र के विद्याॢथयों के लिए हमेशा भारी पड़ी है। तीन साल से हाईस्कूल और इंटर बोर्ड की परीक्षा के परिणाम 40 फीसदी भी नहीं रहे हैं। इस बार भी बेहतर परिणाम मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

जनप्रतिनिधियों को भी बताया नकारा

अभिभावकों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी नकारा बताया है। उनका कहना है कि पीटीए की बैठकों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बुलाकर शिक्षकों की कमी पूरी करने की मांग की जा चुकी है। क्षेत्रीय विधायक के सामने भी इस समस्या को कई बार प्रमुखता से रखा गया है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। मुख्यशिक्षाधिकारी आरसी पुरोहित का कहना है कि जीआइसी भिंगराड़ा समेत जिले के कई हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में प्रवक्ताओं की कमी के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। शिक्षा निदेशालय से अपेक्षित शिक्षकों की तैनाती की मांग की गई है। उम्मीद है कि आगामी शैक्षिक सत्र में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की तैनाती कर दी जाएगी।


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