अंकिता भंडारी के स्वजनों को 25 लाख के मुआवजे वाले कुमार विश्वास के ट्वीट पर क्या बोले यूजर्स
Ankita Bhandari murder case धामी सरकार ने अंकिता भंडारी के स्जवनों को 25 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। जिसे लेकर लोकप्रिय कवि डॉ कुमार विश्वास ने सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जनता के टैक्स से मुआवजा क्याें दिया जाए।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Ankita Bhandari Murder : अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर देशभर में हल्ला मचा हुआ है। विरोध-प्रदर्शनों के बीच पीड़ित स्वजनों को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इस बीच के मंच के चर्चित कवि कुमार विश्वास (Dr Kumar Vishwas) ने ट्विटर पर एक पोस्ट कर नई बहस खड़ी कर दी है। पहले ट्वीट पढ़ लें।
पर क्यूँ ? सत्ता के अहंकार में डूबे उस नीच दुर्योधन के कुकर्मों का मुआवज़ा टैक्स-पेयर के पैसे से क्यूँ दिया जाएगा ? उस नराधम के रिसोर्ट और सम्पत्तियों की नीलामी करके इस बिटिया के परिजनों को सारा धन दिया जाए। अनाचार करें पॉलिटिकल परिवार के संरक्षण में पले बेलगाम लड़के और भरे जनता ?
पर क्यूँ ? सत्ता के अहंकार में डूबे उस नीच दुर्योधन के कुकर्मों का मुआवज़ा टैक्स-पेयर के पैसे से क्यूँ दिया जाएगा ? उस नराधम के रिसोर्ट और सम्पत्तियों की नीलामी करके इस बिटिया के परिजनों को सारा धन दिया जाए।अनाचार करें पॉलिटिकल परिवार के संरक्षण में पले बेलगाम लड़के और भरे जनता ? https://t.co/ayGwH2B2wG— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) September 28, 2022
डॉ. कुमार विश्वास ने मुआवजे पर सवाल उठाने पर कमेंट करने वालों की लाइन लग गई। ज्यादातर यूजर्स उनके तर्क पर सहमति जताते हुए कमेंट लिख रहे हैं। प्रिंस तिवारी नाम के यूजर ने लिख कि ...बिल्कुल सही बात की है आपने। ये राजनीति के धृतराष्ट्र केवल हर समस्या का एक ही उपाय जानते हैं मुआवजा। चाहे मामला हत्या का हो या व्यभिचार का।
दीपक चतुर्वेदी नाम के यूजर ने लिखा बिल्कुल सही कहा आपने, ये सत्ता के लोभी धृष्टराज बने बैठे हैं, अंकिता के परिवार को मुआवजा देने का ऐलान ऐसे कर रहे हैं, जैसे इनकी पारिवारिक संपत्ति सरकारी खजाने में भरी हो? विनोद वर्मा की सारी संपति की कुर्की करके अंकिता की भरपाई नहीं हो सकती मूर्खो को पता नहीं क्या?
कुलभूषण सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि, कुछ नहीं होगा वो सत्ता पक्ष के नेताओं का लड़का है, सब घड़ियाली आंसू रो रहे हैं ताकि कोई बाद में यह ना कहे कि अंकिता के लिए कुछ कहा ही नहीं, क्योंकि उसे सत्ता पक्ष के लोगों ने मारा। आप वहां क्यों नहीं जाते और अंकिता के लिए वहीं बैठ कर इंसाफ क्यों नहीं मांगते? घड़ियाली आंसू मत बहाओ?
मनाेज जैन नाम के यूजर ने तो कमेंट करते हुए केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया। मनोज ने लिखा कि पहले केजरीवाल सरकार से पूछ लेना चाहिए कि भाई आप ऐलान करते हैं या हम? क्या है ना, सड़ जी की आदत है अपने क्षेत्र को छोड़ कर दूसरे राज्य में दखल देना। अगर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थोड़ी देर करते तो अपने भाई साहब तो तैयार खड़े थे कि दिल्ली सरकार की तरफ़ से इतने... लाख देगें।