हत्यारों के मुकदमे की पैरवी नहीं करने के प्रस्ताव को वापस लेगा कोटद्वार बार एसोसिएशन
हाई कोर्ट ने कोटद्वार के अधिवक्ता की हत्या और हत्यारों की मुकदमे की पैरवी नहीं करने सम्बंधित से दायर जनहित याचिका की हाई कोर्ट में हुई सुनवाई।
By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 12:28 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट की सख्ती के बाद अधिवक्ता हत्याकांड के अभियुक्तों की पैरवी नहीं करने संबंधी प्रस्ताव पारित करने के मामले में कोटद्वार बार एसोसिएशन ने यू-टर्न ले लिया है। कोटद्वार बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव वापस लेने की बात कही है, जिस पर हाई कोर्ट ने इस बयान को आठ जुलाई तक लिखित रूप में पेश करने के निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि 2017 में कोटद्वार के अधिवक्ता सुशील रघुवंशी की हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पहले अज्ञात में, फिर मृतक की पत्नी रेखा रघुवंशी ने मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर चार हमलावरों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोपितों की एक साल तक गिरफ्तारी न होने पर रेखा द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने टीम गठित कर आरोपितों की गिरफ्तारी करने के आदेश पारित किए। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद दो अधिवक्ता आरोपितों की जमानत की पैरवी को राजी हुए तो बार एसोसिएशन कोटद्वार ने न केवल इसका विरोध किया बल्कि इसी साल 16 मई को बकायदा प्रस्ताव पारित कर साफ कर दिया कि आरोपितों की जो अधिवक्ता पैरवी करेंगे, उसकी बार एसोसिएशन से सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
कोटद्वार बार एसोसिएशन के कुलदीप अग्रवाल की ओर से जनहित याचिका दायर की। साथ ही राज्य सरकार के साथ ही उत्तराखंड बार काउंसिल व बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पक्षकार बनाया। याचिकाकर्ता ने बार एसोसिएशन के प्रस्ताव को चुनौती दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष कोटद्वार बार एसो. के अधिवक्ता डीसीएस मेहता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट के समक्ष स्वीकारा कि आरोपितों को पेश करने से रोकने का बार एसोसिएशन का नोटिस गलत था। कोर्ट ने बार एसोसिशन से हलफनामे के साथ बयान दाखिल करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई आठ जुलाई नियत की है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि 2017 में कोटद्वार के अधिवक्ता सुशील रघुवंशी की हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पहले अज्ञात में, फिर मृतक की पत्नी रेखा रघुवंशी ने मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर चार हमलावरों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोपितों की एक साल तक गिरफ्तारी न होने पर रेखा द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने टीम गठित कर आरोपितों की गिरफ्तारी करने के आदेश पारित किए। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद दो अधिवक्ता आरोपितों की जमानत की पैरवी को राजी हुए तो बार एसोसिएशन कोटद्वार ने न केवल इसका विरोध किया बल्कि इसी साल 16 मई को बकायदा प्रस्ताव पारित कर साफ कर दिया कि आरोपितों की जो अधिवक्ता पैरवी करेंगे, उसकी बार एसोसिएशन से सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
कोटद्वार बार एसोसिएशन के कुलदीप अग्रवाल की ओर से जनहित याचिका दायर की। साथ ही राज्य सरकार के साथ ही उत्तराखंड बार काउंसिल व बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पक्षकार बनाया। याचिकाकर्ता ने बार एसोसिएशन के प्रस्ताव को चुनौती दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष कोटद्वार बार एसो. के अधिवक्ता डीसीएस मेहता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट के समक्ष स्वीकारा कि आरोपितों को पेश करने से रोकने का बार एसोसिएशन का नोटिस गलत था। कोर्ट ने बार एसोसिशन से हलफनामे के साथ बयान दाखिल करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई आठ जुलाई नियत की है।
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