केएमवीएन पहली बार प्रशिक्षु आइएएस को सुंदरढूंगा और पिंडारी ग्लेशियर तक कराएगा ट्रैकिंग
कुमाऊं मंडल विकास निगम पहली बार लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी मंसूरी के प्रशिक्षु अफसरों को कराएगा ट्रैकिंग।
By Edited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 12:05 PM (IST)
किशोर जोशी, नैनीताल : कुमाऊं मंडल विकास निगम पहली बार लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी मंसूरी के प्रशिक्षु अफसरों को सुंदरढूंगा व पिंडारी ग्लेशियर तक ट्रैकिंग कराएगा। अफसर यहां पर हिमालय की संरचना, जलवायु परिवर्तन का ग्लेशियर पर प्रभाव, 2013 की आपदा से उस क्षेत्र में पड़े प्रभाव और हिमालय जैसे विपरीत हालतों में खुद को फिट रखने आदि के बारे में अध्ययन करेंगे। निगम प्रबंधन को उम्मीद है कि इससे 2013 की आपदा के बाद प्रभावित हुए साहसिक क्रियाकलाप को पंख लगेंगे, साथ ही भविष्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। निगम के साहसिक प्रबंधक गिरधर सिंह मनराल को दलों की व्यवस्थाएं अप टू डेट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अफसर टै्रकिंग कर हिमालय का अध्ययन करेंगे। प्रशिक्षु अफसर फाउंडेशन कोर्स में हिमालय अध्ययन प्रोग्राम के तहत ट्रैकिंग करते रहे हैं। हर साल अफसरों का दल गढ़वाल मंडल के उच्च हिमालयी व पथरीले रास्तों पर ट्रैकिंग पर जाते हैं। हाल ही में निगम के एमडी धीराज गब्र्याल प्रयासों के बाद प्रशिक्षु अफसरों के दो दलों को बागेश्वर जिले में पिंडारी व सुंदरढूंगा ट्रैकिंग की मंजूरी मिल चुकी है। 50 प्रशिक्षु अफसर व चार अन्य का दल 29 सितंबर को सुबह ट्रेन से काठगोदाम पहुंचेगा। जीएम त्रिलोक सिंह मर्तोलिया के अनुसार बागेश्वर जिला प्रशासन व लोनिवि को ट्रैकिंग रूट दुरुस्त करने का आग्रह करते पत्र भेजा जा चुका है। निगम स्तर की तैयारियों को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। 29 को काठगोदाम पहुंचेगा दल प्रशिक्षु अफसरों का पहला दल 29 की सुबह काठगोदाम से 210 किमी सफर कर लोहारखेत पहुंचेगा। अगले दिन धाकुरी से ट्रैकिंग कर खाती, वाया डौली से फुरकिया 16 किमी पिंडारी जीरो प्वाइंटर पहुंचेंगे। इसके बाद पिंडारी ग्लेशियर से वापस खाती आएंगे और फुटकिया में दो दिन विश्राम करेंगे। वाया कौसानी से होकर छह अक्टूबर को काठगोदाम आएंगे, जबकि दूसरा दल 29 को काठगोदाम से कौसानी, फिर वाया खरकिया खाती से पांच किमी पैदल व वाहन से तथा खाती से आठ किमी जातोली, फिर वहां से 14 किमी कठलिया, चार किमी बैलूनी टॉप से सीधे सुंदरढूंगा जाएगा। वापसी में जातोली, धाकरी होते हुए लोहारखेत, सोंग व छह को काठगोदाम आएगा। 2013 की आपदा से बंद है कफनी ग्लेशियर की ट्रैकिंग बागेश्वर जिले के कफनी ग्लेशियर तक के लिए ट्रैकिंग का रास्ता 2013 की आपदा में ध्वस्त हुआ था, तब से आज तक रास्ता नहीं बन पाया है, जिस कारण साहसिक पर्यटक कफनी तक नहीं जा पा रहे हैं। एमडी धीराज गब्र्याल के अनुसार अकादमी के 14 बैच ट्रैकिंग को रवाना होंगे, इसमें से पहली बार दो दल पिंडारी व सुंदरढूंगा को आएंगे।
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