दाने-दाने को मोहताज लोक गायिका कबूतरी देवी की बेटी, फूटफूट कर रो पड़ीं
कबूतरी देवी के निधन के बाद जनप्रतिनिधियों ने उनकी पुत्री हेमंती देवी को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की थी, जो आज तक नहीं पूरी हो सकी है।
पिथौरागढ़/नैनीताल (जेएनएन): देश-दुनिया को अपनी मखमली आवाज से मुग्ध करने वाली लोक गायिका कबूतरी देवी को जीते जी किसी भी सरकार से वो सम्मान नहीं मिला जिसकी वो हकदार थीं। दुनिया छोड़ने के बाद भी विडंबनाएं उनका पीछा नहीं छोड़ रही हैं। बात ही कुछ ऐसी है कि मैं बताना शुरू करूंगा और आप शासन-प्रशासन को धिक्कारना। कहा जाता है न जिस देश में कला-संस्कृति की कद्र नहीं होती वहां संवेदना नाम की चीज नहीं होती। यहां भी बात संवेदनहीनता की पराकाष्ठा की है। बात दरअसल कुछ ऐसी है, शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण कबूतरी देवी की बिटिया, जिन्होंने पूरा जीवन मां की सेवा में गुजार दिया था आज दर-दर की ठोकरे खाने के साथ दाने-दाने को मोहताज हैं।
10 लाख आर्थिक मदद देने की हुई थी घोषणा
लोक गायिका कबूतरी देवी का तीन माह पूर्व निधन हो गया था। गायिका के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सहित तमाम बड़े नेताओं और संस्कृति कर्मियों ने गहरा दुख जताते हुए इसे उत्तराखंड के लिए अपूरणनीय क्षति करार दिया था। पूरा जीवन मुफलिसी में बिताने वाली कबूतरी देवी को अपने जीवनकाल में कोई बड़ी मदद सरकार से नहीं मिल पाई। उनके निधन के बाद जनप्रतिनिधियों ने उनकी पुत्री हेमंती देवी को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक इस घोषणा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शासन से स्वीकृति ही नहीं हो पाई है धनराशि
आर्थिक तंगी से जूझ रही कबूतरी देवी की पुत्री हेमंती देवी शनिवार को कलक्ट्रेट पहुंची। जिलाधिकारी के सामने फफक-फफक कर रो पड़ी हेमंती देवी ने अब तक किसी तरह की मदद नहीं मिलने की व्यथा रखी। परिवार के भरण-पोषण में आ रही दिक्कत का हवाला देते हुए हेमंती ने अविलंब आर्थिक सहायता दिलाए जाने की मांग की। जिलाधिकारी ने हेमंती को बताया कि पांच लाख की मदद का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर धनराशि दी जाएगी।
नातिन रिंकू की हालत खराब
अपनी कबूतरी देवी की सेवा करने वाली नातिन रिंकू बीमारी से जूझ रही है। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने पर चिकित्सकों ने उसे बाहर ले जाने की सलाह उसकी मां हेमंती को दी, लेकिन आर्थिक स्थिति बदहाल होने के कारण परिजन ङ्क्षरकू को वापस घर ले गए हैं। हेमंती देवी ने बताया कि पति दुकान में नौकरी कर किसी तरह दो वक्त की रोटी जुटा रहे हैं। उसके पास ङ्क्षरकू को बड़े अस्पताल ले जाने के लिए धनराशि नहीं है। सरकार से कुछ मदद मिलती तो वह अपनी बेटी का उपचार करा पाती। बता दें हाल ही में जिला मुख्यालय में कबूतरी देवी पर बने वृत्त चित्र के कई शो भी हुए थे, जिसमें तमाम संस्कृति प्रेमी जुटे थे, लेकिन संस्कृति प्रेमियों की ओर से भी कबूतरी देवी के परिवार की मदद के अभी तक कोई पहल नहीं हुई है।
स्वीकृत जमीन का मामला भी पड़ा खटाई में
प्रदेश सरकार ने लोक गायिका कबूतरी देवी के लिए सुवाकोट में 12 मुट्ठी जमीन स्वीकृत की थी। कबूतरी देवी के निधन से कुछ ही समय पूर्व जमीन के कागज तैयार हुए थे। जमीन आवंटन से पहले ही कबूतरी देवी का निधन हो गया। हेमंती देवी ने बताया कि अब राजस्व विभाग जमीन देने से इंकार कर रहा है। विभाग का कहना है कि जमीन कबूतरी के नाम पर स्वीकृत हुई है, आवंटन भी उन्हीं को होना था, परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम जमीन नहीं की जा सकती है।