मकर संक्रांति पर रानीबाग में कत्यूर मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा
मकर संक्रांति पर रानीबाग में कत्यूर मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार रानीबाग-चित्रशिला घाट को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की जाएगी।
हल्द्वानी, जेएनएन : मकर संक्रांति पर रानीबाग में कत्यूर मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। साथ ही स्थानीय मान्यताओं के अनुसार रानीबाग-चित्रशिला घाट को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की जाएगी।
रविवार को कत्यूर मिलन कार्यक्रम के संयोजक नवीन जोशी ने बताया कि नंदा राजजात की तरह ही प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं दोनों मंडलों की धार्मिक आस्था के केंद्र में पहली बार कत्यूर मिलन-2019 कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर आने वाले कत्यूरी शासकों के वंशजों एवं उनके देव डंगरियों का अध्ययन किया जाएगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि कत्यूरी वंशज किन गांवों से तथा किन मान्यताओं के साथ वर्षों से यहां आ रहे हैं। आज तक इसका डॉक्यूमेंटेशन नहीं हुआ। अब इसका डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा। साथ ही रानीबाग को प्रदेश का धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति पर रानीबाग आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं दिए जाने के लिए मेला क्षेत्र में पुलिस एवं नगर निगम प्रशासन से मिलकर सहयोग लिया जाएगा। साथ ही कोशिश होगी कि मकर संक्रांति के दिन महापौर, स्थानीय विधायक, सांसद एवं राज्य के पर्यटन मंत्री आदि को साथ लेकर रानीबाग को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग पर केंद्र सरकार को एक व्यापक प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाए।
उन्होंने बताया कि कत्यूरी मिलन कार्यक्रम की जिम्मेदारी नारायण लाल चौधरी को एवं कत्यूरी वंशजों के स्वागत व पंजीकरण की जिम्मेदारी कैलाश जोशी को सौंपी गई है। साथ ही इतिहासकार डॉ. एमपी जोशी, संजय बल्यूटिया, उद्योग भारती पांडे, दामोदर जोशी 'देवांशु', पंकज खत्री व डा. सुरेश टम्टा आदि लोग कत्यूरी वंशजों के डॉक्यूमेंटेशन सहित अन्य जिम्मेदारियां संभालेंगे।
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