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कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल दिल्ली पहुंचा, 60 सदस्‍य हैं दल में शामिल

हिंदुओं की सबसे बड़ी और सबसे लंबी धार्मिक यात्रा कैलास मानसरोवर यात्रा की प्रक्रिया नई दिल्ली में शुरू हो चुकी है। पहले दल के लिए देशभर से चयनित साठ यात्री दिल्ली पहुंच चुके हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 07:07 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 11:15 AM (IST)
कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल दिल्ली पहुंचा, 60 सदस्‍य हैं दल में शामिल
कैलास मानसरोवर यात्रियों का पहला दल दिल्ली पहुंचा, 60 सदस्‍य हैं दल में शामिल

पिथौरागढ़, जेएनएन : हिंदुओं की सबसे बड़ी और सबसे लंबी धार्मिक यात्रा कैलास मानसरोवर यात्रा की प्रक्रिया नई दिल्ली में शुरू हो चुकी है। पहले दल के लिए देशभर से चयनित साठ यात्री दिल्ली पहुंच चुके हैं। जहां पर उनका प्रथम स्वास्थ्य परीक्षण हो रहा है। परीक्षण में सफल यात्रियों के साथ सोमवार को ब्रीफिंग होगी।

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कैलास मानसरोवर यात्रा 2019 का आगाज हो चुका है। यात्रा दल के रवाना होने से पूर्व की औपचारिकताएं  नई दिल्ली में चल रही हैं। शनिवार की सायं देश के विभिन्न राज्यों से प्रथम दल के लिए चयनित 60 यात्री दिल्ली पहुंच गए थे। रविवार को यात्रियों का दिल्ली के डीएचएलआइ में स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इस स्वास्थ्य परीक्षण में सफल यात्री ही दिल्ली से आगे की यात्रा करेंगे। देर रात्रि तक यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण चलेगा। परीक्षण में सफल रहने के बाद यात्रियों के नाम की सूची तैयार होगी।

सोमवार को यात्रियों के साथ ब्रीफिंग होगी और बीजा बना कर यात्रियों को दिया जाएगा। इस कार्य में दो दिन लगेंगे। 12 जून को पहला यात्रा दल दिल्ली से अल्मोड़ा को रवाना होगा। उस दिन अल्मोड़ा में प्रवास करने के बाद दल 13 जून को आधार शिविर धारचूला को प्रस्थान करेगा।  दिन का भोजन डीडीहाट में होगा।  इसके पश्चात 7वीं वाहिनी भातिसीपु मिर्थी में यात्रियों के साथ ब्रीफिंंग होगी। जिसमें उच्च हिमालय में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जाएगा। दल देर सायं आधार शिविर धारचूला पहुंचेगा।

14 जून की सुबह दल आधार शिविर से प्रथम पैदल पड़ाव बूंदी के लिए रवाना होगा। धारचूला से लगभग 50 किमी दूर नजंग तक वाहन से जाने के बाद पैदल यात्रा शुरू होगी। जहां से पहले दिन कैलास यात्री 11 किमी पैदल चल कर बूंदी पहुंचेंगे। 15 जून को सबसे लंबी पैदल यात्रा होगी। इस दिन यात्री बूंदी से गुंजी 17 किमी पैदल चल कर पहुंचेगे। गुंजी में दो रात्रि और एक रात्रि नाबी के होम स्टे में प्रवास करेंगे। गुंजी में यात्रियों का एक बार फिर आइटीबीपी के चिकित्सक स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। इस परीक्षण में सफल यात्री ही आगे की यात्रा कर सकेंगे। 

गुंजी के बाद सात किमी पैदल चल कर कालापानी पहुंच कर रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन चार किमी चढ़ाई चढ़ कर अंतिम भारतीय पड़ाव नावीढांग पहुंचेगे। उसके अगले दिन भोर में ही लिपूलेक पहुंच कर लगभग 18 हजार फीट ऊंचे लीपू दर्रा पार कर तिब्बत चीन में प्रवेश करेंगे।

केएमवीएन के 25 कर्मी पड़ावों को रवाना

कैलास मानसरोवर यात्रा संचालन के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के 25 कर्मी उच्च हिमालयी पड़ावों के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रत्येक पड़ाव पर एक प्रबंधक, कुक और मसालची तैनात रहेंगे। रविवार को बंूदी पड़ाव में तैनात कर्मी बूंदी पहुंच जाएंगे। गुंजी में तैनात कर्मी मंगलवार को पहुंचेंगे, कालापानी पड़ाव के कर्मी बुधवार को और नावीढांग के कर्मी गुरु वार को पड़ाव तक पहुंचेंगे।

स्वच्छता अभियान पर रहेगा फोकस

कैलास मानसरोवर यात्रा पड़ावों पर तैनात कर्मियों को उच्च हिमालय में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। सभी कर्मचारियों को रवाना होने से पूर्व केएमवीएन के प्रबंधक दिनेश गुरु रानी ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया गया है। प्रत्येक पड़ाव पर कूड़ेदान रखे जाएंगे। यात्रियों सहित पर्यटकों द्वारा फेंके जाने वाले कूड़े को एकत्रित कर कर्मी चार माह बाद वापसी में अपने साथ धारचूला लाएंगे। जहां पर कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। इस दौरान वहां की जलवायु के अनुरू प पौधरोपण होगा।

पैदल यात्रा के दौरान आइटीबीपी का बचाव दल चलेगा

कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान आइटीबीपी का बचाव दल चलेगा। जिसमें बल की महिला जवान भी शामिल रहेंगी। बल के डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने बताया कि प्रतिवर्ष बल का बचाव दल साथ रहता है। आइटीबीपी यात्रियों की उच्च हिमालय में मददगार बनी रहती है। 

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