रौतेला टिकट को लेकर आश्वस्त, दावेदार कर रहे आकाओं की परिक्रमा
निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। दावेदार टिकट के लिए अपना पक्ष मजबूत करने के लिए दिन रात एक किए हैं। ऐसे में अपने आकाओं की परिक्रमा भी तेज कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। दावेदार टिकट के लिए अपना पक्ष मजबूत करने के लिए दिन रात एक किए हैं। ऐसे में अपने आकाओं की परिक्रमा भी तेज कर दिए हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी में निवर्तमान मेयर डॉ. जोगेंद्र सिंह रौतेला को लेकर शहर में हलचल तेज हो गई है। जोगेंद्र रौतेला अपने टिकट को लेकर शुरू से ही आश्वस्त दिख रहे हैं और वह पिछले एक माह से लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। हालांकि उनका टिकट कटवाने के लिए एक दावेदार ने प्रदेश स्तर के नेताओं की परिक्रमा शुरू कर दी है और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा रहा है। पार्टी हाईकमान ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि हर नेता या कार्यकर्ता अपने टिकट की दावेदारी कर सकता है, लेकिन यदि वह किसी दूसरे दावेदार को गलत ठहराने के लिए साजिश रचेगा तो यह बर्दाश्त नहीं होगा।
टिकट को लेकर डॉ. रौतेला का पक्ष मजबूत होने के पीछे बड़ी वजह यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश जैसी दिग्गज नेत्री के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया था। उन्हें चुनाव में जीत तो नहीं मिली पर 2012 में भाजपा प्रत्याशी को मिले मत (करीब 19 हजार) की अपेक्षा दोगुना वोट (करीब 39 हजार) मिले थे। दूसरा पक्ष यह है कि मेयर बनने से पूर्व वह चार बार सभासद रह चुके हैं। तीसरा मजबूत पक्ष यह है कि विनम्र स्वभाव और शुरू से ही भाजपा और संघ में सक्रियता की वजह से बड़े नेताओं के प्रिय माने जाते हैं। मेयर पर राजनीतिक विरोधियों द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप तो लगाए गए, पर आज तक कोई भी आरोप साबित नहीं हो सका।
गजराज के पीछे हटने से मजबूत हुई दावेदारी
करीब 15 दिन पूर्व तक भाजपा के प्रदेश महासचिव गजराज बिष्ट के भी चुनाव लडऩे की चर्चा थी। माना जा रहा था कि यदि गजराज ने दावेदारी की तो डॉ. रौतेला के समक्ष संकट खड़ा हो सकता है, लेकिन पिछले दिनों गजराज बिष्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि मेयर पद के टिकट के लिए उन्होंने कोई दावेदारी नहीं की है। उनके पीछे हटने के बाद डॉ. रौतेला की दावेदारी और मजबूत हो गई।