जशोदा को मिली प्रधान की कमान तो पेयजल व सिंचाई के संकट से उबरा गांव
इनके काम से 150 परिवारों को पेयजल मिल रहा है। यहीं से समार सेरा के लिए ङ्क्षसचाई का हेड और नहर की मरम्मत की। इससे लगभग 30 नाली भूमि की सिंचाई हो रही है। छोटी ऐराड़ी के खाड़ू स्रोत से 170 परिवारों को पेयजल मिल रहा है।
घनश्याम जोशी, बागेश्वर। कुछ अलग करने की सोच हो तो असंभव काम भी बनते चले जाते हैं। जल संकट से जूझते गांव को इससे उबारने के लिए कमर कसी तो जलसंरक्षण और संवर्धन में बड़ी कामयाबी मिल गई। बात हो रही है बमराड़ी गांव की पूर्व प्रधान जशोदा देवी नगरकोटी की, जिन्होंने जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद अपनी पंचायत को पेयजल संकट से उबार दिया। इसी का नतीजा है कि वर्तमान में गांव पेयजल और ङ्क्षसचाई के जल के लिए आत्मनिर्भर है।
बमराड़ी गांव की जनंसख्या वर्तमान में 700 है और लगभग 260 परिवार यहां निवास करते हैं। गोमती तट से बसे गांव के अधिकतर लोग खेती पर निर्भर हैं। लेकिन गोमती सूखने की कगार पर है। बैजनाथ में कृत्रिम झील बनने के बाद नदी गर्मियों में एक तरह से सूख ही जाती है। इसके बाद सिंंचाई के लिए किसान तरसने लगते हैं। बमराड़ी की पूर्व प्रधान जशोदा देवी ने इस संकट से निपटने का मन बनाया और गांव के जलस्रोतों का संरक्षण और संवर्धन की मुहिम शुरू की। उनकी मेहनत से वर्तमान में गांव में सिंंचाई और पेयजल का संकट खत्म हो गया है। गांव के राजेंद्र सिंंह नगरकोटी ने बताया कि जल संरक्षण के लिए आधा दर्जन से अधिक स्रोतों का निर्माण, मरम्मत और संरक्षण पूर्व प्रधान ने किया। उनका कार्यकाल 2014 से 2019 तक रहा।
इन स्रोतों का किया संरक्षण
पूर्व प्रधान जशोदा देवी ने पन्याल द्यो, सिमार स्रोत का संरक्षण किया, जिससे 150 परिवारों को पेयजल मिल रहा है। यहीं से समार सेरा के लिए ङ्क्षसचाई का हेड और नहर की मरम्मत की। इससे लगभग 30 नाली भूमि की सिंचाई हो रही है। छोटी ऐराड़ी के खाड़ू स्रोत से 170 परिवारों को पेयजल मिल रहा है। सुनागाड़ गधेरा पर सिंचाईहेड के निर्माण से 25 नाली भूमि सिंचित हो रही है। इसके अलावा यहां से 50 परिवारों के लिए पेयजल योजना भी बनाई गई है। घटट्रायरा गधेरे के आशागाड़ में सिंचाई नहर की मरम्मत हुई और 50 नाली भूमि सिंचित हो रही है। मजबान तोक में सिेेंंचाई हेड बनाया गया जिससे 60 नाली भूमि को पानी मिल रहा है।
जिला पंचायतराज अधिकारी बसंत सिंंह ने बताया कि कई महिला प्रधान बेहतर काम कर रहे हैं। जल संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे आने वाले प्रधानों को सरकार सम्मान भी दे रही है। बमराड़ी के पूर्व प्रधान जशोदा देवी का काम काबिले तारीफ है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें