जापान के फल को रास आया भीमताल का पर्यावरण
जापान में प्रसिद्ध पौध से निर्मित होने वाले अचार, जैम और चटनी का मजा अब भीमताल के लोगों को भी मिल सकता है। यहां की पौधशाला में इसका इसके पेड़ पर फल लगे हैं।
By Edited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 06:17 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 08:17 AM (IST)
संवाद सहयोगी, भीमताल : जापान में प्रसिद्ध पौध से निर्मित होने वाले अचार जैम और चटनी का मजा अब शीघ्र ही प्रदेश वासियों को मिल सकेगा। कायलो मिनीस (जापानी क्वींस)नाम से जाने जाने वाले इस पौधे को भीमताल का पर्यावरण रास आ गया है। यहां की पौधशाला में इस पर इन दिनों फल लगे हैं, जो फूल और फलों के शौकीनों के आकर्षण का केन्द्र बने हैं। जापानी क्वींस के फल में विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसको अचार, जैम, जेली, स्क्वाश आदि के लिये खासा जाना जाता है। फ्लोरीवेल के स्वामी और फूल विशेषज्ञ अखिलेश त्यागी बताते हैं कि इस पौधे पर आम तौर पर बसंत में फल आते हैं और शरद में इसमें फल पकते हैं। वर्तमान में अभी तक इस फल का भारत में उत्पादन नहीं होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि भारत में यदि भविष्य में न्यूट्रसल गार्डन को विकसित करने की योजना बनती है तो इसके लिये यह पौधा अच्छा उदाहरण हो सकता है। यदि विभिन्न स्वाद के शौकीन लोंगों को इसका स्वाद भा गया तो इससे बनने वाले विभिन्न उत्पादों का उत्पादन भी होने लगेगा। अब तक इस पौधे से निर्मित होने वाले उत्पाद किसी भी ब्रांड से देश की मार्केट में नहीं हैं। वहीं यदि इस फल का भीमताल में व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ किया जाये तो आने वाले दिनों में भीमताल में कई छोटी-छोटीऔद्योगिक इकाइयों में इसका उत्पादन होने की संभावना है और इस फल के उत्पाद के लिये भीमताल में एक अच्छी खासी मार्केट बन सकती है। भूस्खलन के लिये भी है कारगर जापानी क्वींस के पौध को यदि भूस्खलन के क्षेत्र में लगाया जाए तो भूस्खलन को रोकने में इससे काफी मदद मिल सकती है। इस पेड़ की जड़ कम समय में काफी अधिक क्षेत्र में फैल जाती है।
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