Uttarakhand News: चम्पावत और बागेश्वर में बनेगी जेल, कुमाऊं की जेलों का भार हाेगा कम
चम्पावत और बागेश्वर में जेल बनाने के प्रस्ताव पर शासन की मुहर लग चुकी है। जेल कितनी क्षमता की बनेगी इस पर विचार होना अभी बाकी है। बागेश्वर में जेल की डीपीआर बन गई है। चम्पावत में जमीन का चयन हो चुका है और डीपीआर बनाई जा रही है।
दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी। कुमाऊं की जेलों से बंदी व कैदियों का भार जल्द कम होगा। पिथौरागढ़ में बन रही जेल का काम 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। अब चम्पावत और बागेश्वर में दो नई जेल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। सितारगंज की सेंट्रल जेल को छोड़ दिया जाए तो कुमाऊं में मात्र दो जेल हैं।
एक जेल हल्द्वानी और दूसरी अल्मोड़ा में है। दोनों में क्षमता से दोगुना अधिक बंदी व कैदी रह रहे हैं। बंदियों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए जेल प्रशासन की ओर से शासन को नई जेल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था। हालांकि पिथौरागढ़ में जेल पर शासन की मुहर पहले ही लग चुकी थी। 100 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल का काम 80 प्रतिशत पूरा भी हो चुका है।
जेल अधिकारियों के मुताबिक चम्पावत और बागेश्वर में जेल बनाने के प्रस्ताव पर शासन की मुहर लग चुकी है। जेल कितनी क्षमता की बनेगी इस पर विचार होना अभी बाकी है। बागेश्वर में जेल की डीपीआर बन गई है। चम्पावत में जमीन का चयन हो चुका है और डीपीआर बनाई जा रही है। ये सभी जेलें बनकर तैयार हो जाएंगी तो अन्य जेलों में बंदियों का दबाव कम होगा।
2500 क्षमता की सबसे बड़ी जेल होगी किच्छा
ऊधम सिंह नगर के किच्छा स्थित पराग फार्म में जेल निर्माण का काम भी तेजी से हो रहा है। जेल अधिकारियों के अनुसार यह कुमाऊं की सबसे बड़ी जेल होगी। एक बैरक में तकरीबन 400 कैदी व बंदी रह सकते हैं। जेल के अंदर ही बच्चों के खेलने के लिए अलग मैदान बनाए जा रहे हैं।
आइजी जेल पुष्पक ज्योति ने बताया कि पिथौरागढ़ जेल का काम 80 प्रतिशत हो चुका है। बागेश्वर में जेल के लिए डीपीआर तैयार हो गई है और चम्पावत में जमीन की तलाश हो चुकी है।