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पांचवें धाम के रूप में विकसित होगा जागेश्वर, संस्कृति व पर्यटन विभाग कर रहे हैं प्रयास

विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम पूर्व में हुई घोषणाओं के अनुरूप जल्द ही पांचवें धाम के रूप में विकसित होगा। इसके लिए जहां संस्कृति व पर्यटन विभाग मिलकर पहल कर रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 10:09 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:09 AM (IST)
पांचवें धाम के रूप में विकसित होगा जागेश्वर, संस्कृति व पर्यटन विभाग कर रहे हैं प्रयास
पांचवें धाम के रूप में विकसित होगा जागेश्वर, संस्कृति व पर्यटन विभाग कर रहे हैं प्रयास

अल्मोड़ा, जेएनएन : विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम पूर्व में हुई घोषणाओं के अनुरूप जल्द ही पांचवें धाम के रूप में विकसित होगा। इसके लिए जहां संस्कृति व पर्यटन विभाग मिलकर पहल कर रहा है। वहीं जागेश्वर धाम को तेरह जिले तेरह डेस्टिनेशन में शामिल करने की भी योजना बन रही है।

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जागेश्वर धाम अपनी धार्मिक आस्था के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। इस स्थान की महत्ता को देखते हुए पूर्ववर्ती सरकार के मुखिया हरीश रावत ने जागेश्वर धाम को पांचवें धाम के रूप में विकसित करने की वर्ष 2016 में घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की अगुवाई में यहां अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव भी कराया गया। जिसमें कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत देश विदेश के सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग किया था। 2017 के चुनाव में सत्ता परिवर्तन हुआ तो प्रदेश में काबिज भाजपा सरकार ने भी जागेश्वर धाम के महत्व को गंभीरता से लिया। प्रदेश सरकार ने भी जागेश्वर धाम को पर्यटन के नक्शे पर उभारने के लिए संस्कृति व पर्यटन विभाग के माध्यम से पहले शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट तेरह जिले-तेरह डेस्टिनेशन में भी जागेश्वर धाम को शामिल करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। योजना रंग लाई तो जागेश्वर धाम में जहां सैलानियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। वहीं प्रदेश के इस पांचवें धाम में धार्मिक आस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थों में एक जागेश्वर धाम

जागेश्वर धाम उत्तर भारत के पवित्र तीर्थ और शैव परंपरा का पावन स्थल है। पौराणिक होने के कारण इसे भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है। यहां खूबसूरत मंदिरों के तमाम संग्रह स्थल हैं। जिनमें दंडेश्वर, चंडी मंदिर, जागेश्वर मंदिर, कुबेर मंदिर, मृत्युंजय मंदिर, नंदा देवी, नव ग्रह मंदिर, पिरामिड मंदिर और सूर्य मंदिर शामिल हैं। श्रावण महीने के दौरान यहां हर साल श्रावणी मेला लगता है। जागेश्वर धाम में मंदिरों के समूह में काफी हद तक विभिन्न राज्यों में मंदिर मेल खाते हैं। ओडिशा के भुवनेश्वर, मध्य प्रदेश के चंबल आदि में भी इस तरह के मंदिर समूह स्थापित हैं।

वर्तमान सरकार नहीं दिख रही गंभीर

गोविंद सिंह कुंजवाल, विधायक, जागेश्वर  ने बताया कि जागेश्वर धाम की महत्ता को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने इसे पांचवें धाम के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद यहां अंतर राष्ट्रीय योग महोत्सव समेत ऐसी अनेक गतिविधियों के आयोजन का निर्णय लिया गया था। जिससे यह धाम पर्यटन के नक्शे पर उभर कर सामने आ पाता, लेकिन वर्तमान सरकार इसके लिए गंभीर नहीं है।

संस्कृति व पर्यटन विभाग को दिए गए हैं निर्देश

रघुनाथ सिंह चौहान, विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि जागेश्वर हमारी आस्था का प्रतीक है। जागेश्वर धाम को विकसित करने के लिए यहां ऑल वेदर रोड योजना के अंतर्गत सड़कें बनाने का प्रस्ताव है। जबकि तेरह जिले तेरह डेस्टिनेशन में जागेश्वर को शामिल करने का प्लान है। इसके लिए संस्कृति व पर्यटन विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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