शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में भारत के साथ हाथ मिलाएगा आयरलैंड
आयरलैंड और भारत शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में एकसाथ मिलकर काम करेंगे। नैनीताल पहुंचे आयरलैंड के राजदूत ने ये बात कही।
नैनीताल, [जेएनएन]: उच्च शिक्षा को नया आयाम देने के लिए आयरलैंड अब भारत के साथ शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएगा। मित्र देश पर्यटन को भी बढ़ावा देने में मदद करेगा। नैनीताल पहुंचे आयरलैंड के राजदूत ब्रायन मैकडफ ने यह बात कही है।
ब्रायन मैकडफ सेंट जोसेफ कॉलेज के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने आए थे। इस दौरान मल्लीताल स्थित एक होटल में मीडिया से मुखातिब ब्रायन ने कहा कि दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्ते नए आयाम गढ़ रहे हैं। दोनों देश शिक्षा खासकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे। इसके अंतर्गत दोनों देशों के छात्र-छात्राएं अध्ययन व शोध का स्तर ऊंचा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ रिश्ते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आयरलैंड और भारत डेढ़ सौ साल से मिलकर काम कर रहे हैं।
आइरिश ब्रदर्स द्वारा भारत के अनेक शहरों में दो दर्जन से अधिक विद्यालय खोले गए, जिसमें नैनीताल का सेंट जोसेफ कॉलेज प्रमुख है। इस दौरान सेंट जोजफ कालेज के पूर्व छात्र व कार्यक्रम संयोजक आनंद तिवारी, मेजर जनरल अनुराग गुप्ता, मुख्य आयकर आयुक्त तारा शाह व हिमांशु भास्कर मौजूद थे। भारतीय शिक्षा को सराहा ब्रायन ने भारतीय शिक्षा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां से शिक्षा प्राप्त कर लाखों बच्चे विदेशों में आजीविका कमाने के साथ ही आइकॉन बने हुए हैं। अब इंटरनेट युग में शिक्षा का स्वरूप वैश्विक स्तर पर जा पहुंचा है।
मौजूदा दौर में उच्च शिक्षा के मानकों में बदलाव आने लगा है। इन परिस्थितियों को देखते हुए शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की संभावनाएं बढ़ी हैं। एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दोनों देशों के विद्यार्थी एक-दूसरे देशों में जाकर अनुभव व ज्ञान का आदान-प्रदान कर नागरिकों के जीवनस्तर ऊंचा उठाने में भागीदार बन सकते हैं। पर्यटन की अपार संभावनाएं एक सवाल के जवाब में ब्रायन ने कहा कि दोनों देशों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। दोनों देश साझा कार्यक्रम बनाकर पर्यटन उद्योग को पंख लगा सकते हैं। इससे सैलानियों की आमद भी बढ़ेगी और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
यह भी पढ़ें: इन 11 देशों के प्रतिनिधि सीख रहे हैं जैविक कृषि के गुर
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने की कोशिश, तय होगा एमएसपी
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में है प्रकृति का खजाना, पारिस्थितिकी-आर्थिकी का संगम बनती सगंध