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गर्भवती प्रकरण में रात छह घंटे चलते रही जांच, कई डॉक्टरों, स्टाफ व पीडि़त का होना है बयान

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की एसटीएच में विभागीय समन्वय व आदि मुद्दों पर नाराजगी के बाद गर्भवती प्रकरण की जांच तेज हो गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 01:09 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 01:09 PM (IST)
गर्भवती प्रकरण में रात छह घंटे चलते रही जांच, कई डॉक्टरों, स्टाफ व पीडि़त का होना है बयान
गर्भवती प्रकरण में रात छह घंटे चलते रही जांच, कई डॉक्टरों, स्टाफ व पीडि़त का होना है बयान

हल्द्वानी, जेएनएन : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की एसटीएच में विभागीय समन्वय व आदि मुद्दों पर नाराजगी के बाद गर्भवती प्रकरण की जांच तेज हो गई है। बुधवार की रात पांच घंटे तक बयान होते रहे। फिलहाल अभी जांच जारी है। एसटीएच में 20 जुलाई को एक गर्भवती को चार घंटे तक इलाज नहीं मिलने का प्रकरण चर्चा में आया था।

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इसके बाद डीएम सविन बंसल ने एसटीएच के नोडल प्रभारी आइएएस रोहित मीणा की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी थी। इसमें एक एसडीएम ऋचा सिंह व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बलबीर सिंह शामिल हैं। इसके लिए जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। बुधवार की एसटीएच में शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक कई डॉक्टरों व स्टाफ के बयान होते रहे। मीणा ने बारीकी से पड़ताल करनी शुरू कर दी है। अस्पताल सूत्रों से पता चला है कि अभी जांच बाकी है। अन्य कई डॉक्टरों, स्टाफ व पीडि़त का भी बयान लिए जाने हैं।

सीएमओ गठित की जांच कमेटी

डीएम सविन बंसल ने एसटीएच में हाई आइसीयू में मरीजों को नहीं रखने के प्रकरण में सीएमओ डॉ. भागीरथी जोशी से जांच करने के निर्देश दिए थे। सीएमओ ने बताया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है। एक सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।


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