बीएसएनएल और निजी कंपनियों की सेवा चरमराई, इंटरनेट ठप-उपभोक्ता परेशान; कारोबारियों को भारी नुकसान
मुक्तेश्वर क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवा चरमरा गई है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। बीएसएनएल और निजी कंपनियां ठीक सेवा देने में विफल रही हैं, जिससे लोगों ने रिचार्ज करवाना कम कर दिया है। नेटवर्क की समस्या से बाजार की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है, क्योंकि यूपीआइ लेनदेन बाधित है और पर्यटकों को परेशानी हो रही है। क्षेत्रवासी समस्या के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।

संवाद सहयोगी जागरण,मुक्तेश्वर। क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवा की हालत लगातार खराब होती जा रही है। कॉल ड्रॉप, कॉल न लगना और इंटरनेट सेवा ठप रहने से लोग बेहद परेशान हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि बीएसएनएल की स्थिति तो पहले ही बदहाल थी, लेकिन अब निजी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियाँ भी भरोसे पर खरी नहीं उतर रहीं और ग्राहकों को ठीक सेवा देने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही हैं।
भटेलिया में मोबाइल की दुकान चलाने वाले व्यवसायी बॉबी और मुक्तेश्वर बाजार के देवेंद्र बोरा बताते हैं कि अब लोगों ने मोबाइल डेटा रिचार्ज करवाना लगभग बंद कर दिया है। उनका कहना है कि जब इंटरनेट चलता ही नहीं और आए दिन सर्विस बंद रहती है, तो रिचार्ज करवा कर पैसा बर्बाद करने जैसा है। लोग मजबूरी में कम से कम पैसे का रिचार्ज करवा रहे हैं।
नेटवर्क की समस्या का सीधा असर बाजार की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। यूपीआइ लेनदेन बाधित होने के कारण दुकानदारों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। होटल संचालक इन्द्र सिंह गिनवाल और सुदर्शन शाही का कहना है कि बाहर से आने वाले पर्यटक अक्सर नकद पैसे साथ नहीं रखते, लेकिन नेटवर्क ध्वस्त होने से डिजिटल भुगतान संभव नहीं होता। ग्राहक पेमेंट नहीं कर पाते और कई बार बिना भुगतान किए लौट जाते हैं, जिससे पर्यटन और कारोबार दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
मुक्तेश्वर बाजार, भटेलिया बाजार, सुपी, पोखराड़, शीतला, नथुवाखान, रामगढ़, ओखलकांडा ब्लॉक और धारी–धानाचुली बेल्ट में नेटवर्क व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा चुकी है। आपात स्थिति और किसी हादसे के वक्त मोबाइल नेटवर्क का न चलना बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।
लोगों का आरोप है कि शिकायत करने पर बीएसएनएल के अधिकारी फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझते। वहीं निजी मोबाइल कंपनियों के अधिकारियों का दावा है कि सेवा सामान्य है और कहीं कोई दिक्कत नहीं, जबकि वास्तविक स्थिति इसके ठीक उलट है, धरातल पर सेवा लगभग ध्वस्त है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि एक तरफ सेवा बदहाल है, वहीं दूसरी तरफ निजी कंपनियाँ रिचार्ज के नाम पर जनता से पैसा वसूलने में लगी हुई हैं। महंगे प्लान जारी हैं, लेकिन गुणवत्ता शून्य है।
बढ़ती नाराज़गी को देखते हुए क्षेत्रवासी अब इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कॉलिंग और इंटरनेट आज की बुनियादी जरूरत बन चुके हैं और क्षेत्र में टूटी हुई नेटवर्क व्यवस्था को जल्द सुधारना सरकार व संबंधित कंपनियों की जिम्मेदारी है। अन्यथा लोगों का सब्र जवाब देना तय है।

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