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केदारनाथ आपदा मामले में याचिकाकर्ता को वाडिया इंस्‍टीट्यूट देहरादून को पक्षकार बनाने के निर्देश

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 2013 में केदारनाथ की आपदा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौत और उनके शव की डीएनए जांच कराने के मामले में सुनवाई की।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 06:35 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 12:30 PM (IST)
केदारनाथ आपदा मामले में याचिकाकर्ता को वाडिया इंस्‍टीट्यूट देहरादून को पक्षकार बनाने के निर्देश
केदारनाथ आपदा मामले में याचिकाकर्ता को वाडिया इंस्‍टीट्यूट देहरादून को पक्षकार बनाने के निर्देश

नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 2013 में केदारनाथ की आपदा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौत और उनके शव की डीएनए जांच कराने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को वाडिया इंस्टिट्यूट देहरादून को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं।

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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में दिल्ली निवासी अजय गौतम की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि आपदा के बाद केदार घाटी में से करीब 4200 लोग लापता थे। करीब 600 के कंकाल बरामद किये गए किन्तु आपदा के छह साल बाद भी 3200 लोग केदारघाटी में दफन हैं जिनके कंकाल निकालने को सरकार कार्य नहीं कर रही है।

पूर्व में हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि केदारनाथ घाटी से शवों को निकाल कर उनका रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करे लेकिन सरकार ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि केदारधाटी में अब भी शव निकल रहे हैं। याचिका में शवों की तलाश कर उनका अंतिम संस्कार और डीएनए कराने के बाद परिजनों को शव दिए जाएं। कहा कि कि सरकार के पास अब तक 900 से अधिक लोग शव लेने पहुचे है और जो डीएन ए कराने के लिए भी तैयार है।


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